KYC के फ्राड में फंसे सचिन तेंदुलकर के साथी क्रिकेटर, लगा एक लाख रुपये से ज्यादा का चूना

मुंबई। पुलिस ने कहा कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली हाल ही में साइबर अपराध का शिकार हुए, क्योंकि जालसाजों ने बैंक अधिकारियों के रूप में उनसे 1.13 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। विनोद कांबली के ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) विवरण को अपडेट करने के बहाने जालसाजों ने उनसे उनका बैंकिंग विवरण प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की और पिछले सप्ताह धोखाधड़ी वाले लेनदेन को अंजाम दिया।

बांद्रा पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर विनोद कांबली के खाते में पैसे वापस कर दिए हैं। कांबली द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, जालसाजों ने उसे स्क्रीन शेयरिंग एप्लिकेशन ‘एनी डेस्क’ ऐप डाउनलोड करने को कहा। पुलिस फिलहाल उस खाताधारक का ब्योरा निकालने में लगी हुई है, जिसके खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है कि कौन इस फ्राड के पीछे है। विनोद कांबली साल 1991 से 2000 तक 17 टेस्ट और 104 वनडे इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। 

कैसे कांबली को बनाया शिकार

जालसाज अक्सर ऐसा करते हैं कि आपको बैंक अधिकारी बनकर फोन करते हैं और कहते हैं कि आपको अपने डोक्यूमेंट्स जमा करने हैं और अगर आप बैंक नहीं जाना चाहते हैं तो इस काम को आनलाइन कर सकते हैं। इसके लिए जालसाज अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, कई बार वे आप से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) पूछ लेते हैं तो कई बार आपके बैंक, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल मांग लेते हैं।

इसके अलावा आनलाइन तरीके से कोई न कोई एप्लीकेशन आपसे इंस्टाल कराकर भी इस तरह का फ्राड किया जा रहा है। इस बात को खुद विनोद कांबली ने भी कबूल किया है कि जालसाजों ने उनसे एक एप इंस्टाल कराया और फिर उसके बाद उनके खाते से पैसे उड़ाए गए, क्योंकि जो जानकारी वो बैंकिंग एप पर डाल रहे थे, उस जानकारी को जालसाज एप के माध्यम से देख सकते हैं और फिर इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है।

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