जांजगीर 10 दिसम्बर (वेदांत समाचार)।/शिवरीनारायण सब स्टेशन के बिजली उपभोक्ताओं से विभाग के कर्मचारी काउंटर पर बिल की रकम लेते रहे लेकिन अपने विभागीय एकाउंट में जमा ही नहीं किया। रायगढ़ के रीजनल कार्यालय से 18 जून की रकम 2 लाख 29 हजार रुपए जमा नहीं होने की सूचना लोकल जेई को मिलने के बाद इस मामले की तफ्तीश शुरू हुई तो जांच में यह बात सामने आई कि घाेटाला का यह खेल दो सालों से खेला जा रहा था।
इस दौरान उपभोक्ताओं से 2 करोड़ 36 लाख 11 हजार 415 रुपए जमा लिए गए, लेकिन विभागीय एकाउंट में जमा ही नहीं कराए गए है। अकलतरा के डीई ने जांच के बाद सहायक लाइन मैन और बैंक की स्लीप में जिन दो लोगों के नाम आए जिन्हें कथित रूप से बैंक कर्मचारी बताया गया था उनके सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस ने नामजद सहायक लाइनमैन और दो अन्य के खिलाफ 420, 409 के तहत अपराध दर्ज किया है।
डीई चित्रभान सिंह राठौर के हवाले से जानिए कैसे हुआ घोटाले का खुलासा
बिजली विभाग के अकलतरा डिवीजन के डीई चित्रभान सिंह राठौर ने बताया कि काउंटर में बिल की राशि उपभोक्ताओं से लेकर उन्हें रसीद देते हैं, रोज जमा होने वाली रकम का सीएसी बनाते हैंं। टोटल रकम को बैंक में जमा किया जाता है। बैंक में जमा हुई रकम से मिले स्लीप को रीजनल एकाउंट ऑफिस रायगढ़ भेजा जाता है। इसके बाद बैंक से आरएओ कार्यालय को बैंक से पैसा जमा होने का मेल जाता है। इसकी जांच आरएओ द्वारा की जाती है।
उन्होंने बताया कि 8 जुलाई को रायगढ़ ऑफिस से शिवरीनारायण जेई को फोन पर बताया गया कि 18 जून की बिजली बिल की वसूली की राशि 2 लाख 29 हजार रुपए कंपनी के खातेे में जमा नहीं हुई। उन्होंने कार्यालय की स्लीप को लेकर बैंक में जाकर जांच करने का निर्देश दिया। बिजली विभाग के अधिकारी बैंक पहुंचे, उस दिन तो जानकारी नहीं मिली दूसरे दिन बैंक कर्मचारी ने उन्हें काल कर जानकारी दी कि वह राशि बैंक में जमा ही नहीं हुई। तब मामले की जांच शुरू की गई।
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