मध्यप्रदेश 09 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। शिवपुरी में गुरुवार को सरेराह रिश्तों का खून होते कई लोगों ने देखा। जरा सी बात पर देवर ने अपनी सगी भाभी की कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या कर दी। देवर पर इस कदर से पागलपन सवार था कि उससे बचने बच्चों को लेकर भाग रही भाभी पर उसने दौड़ते हुए कुल्हाड़ी से वार किया। भागते-भागते भाभी लड़खड़ाकर गिरी मां को बचाने बेटा दौड़ा। लेकिन मां सिर्फ यही चिल्लाती रही कि भाग जा…। बेटे की आंखों के सामने ही देवर ने मां को कुल्हाड़ी से काट दिया। भाभी की हत्या के बाद देवर भतीजे की हत्या के लिए भी कुल्हाड़ी लेकर दौड़ा, उस पर वार भी किए। जैसे-तैसे वह भागा और अस्पताल पहुंचा। उसके पीठ पर भी कुल्हाड़ी के गंभीर वार वार किए गए थे। डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी पर गहरे घाव हैं। उसकी हालत नाजुक है।
मौके पर मौजूद लोगों ने आरोपी देवर को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने।
ये है पूरा मामला
भौंती कस्बे में रहने वाले आरोपी राजू भार्गव अपनी विधवा भाभी मंजूलता भार्गव के मकान के पास बैठने के लिए पत्थर की पट्टी बनवा रहा था। इस पर मंजूलता के बड़े बेटे विनय ने राजू से कहा – वह यहां पट्टी बनाने की बजाय थोड़ा दूर बना लें, नहीं तो आए दिन कहासुनी व झगड़े होंगे। इसी बात पर राजू झगड़ा करने लगा और इसी बीच राजू का बेटा राधाशरण भार्गव भी वहां आ गया और झगड़े में शामिल हो गया। कुछ ही देर में कहा-सुनी से शुरू हुआ, झगड़ा इतना बढ़ गया कि आरोपी राजू और उसका बेटा राधाशरण कुल्हाड़ी और फरसे निकाल लाए और विनय पर हमला कर दिया।
जिला अस्पताल में भर्ती
विनय ने तो जैसे-तैसे भाग कर जान अपनी बचाई। लेकिन तभी झगड़ा सुनकर घर के बाहर आई मंजुलता और उसके छोटे-बेटे गिर्राज पर दोनों आरोपी बाप-बेटे टूट पड़े और कुल्हाड़ी और बका से उन पर हमला कर दिया। हमले से बचने के लिए दोनों मां-बेटे भागने लगे। लेकिन घायल मंजूलता को भागते-भागते ठोकर लग गई और वह गिर गई। तभी आरोपी ने उस पर हमला कर दिया। मां ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि, बेटा गिर्राज गंभीर रूप से घायल है। उसे जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है। गिर्राज की रीढ़ की हड्डी और सिर के पिछले हिस्से में गहरी चोट है।
जिला अस्पताल में घायल विनय का इलाज कर रहे हैं डॉक्टर, जिंदगी और मौत से लड़ रहा है घायल।
कोई तो मेरे बच्चों को बचा लो
जिस समय कहासुनी हो रही रही थी, उस वक्त मृतिका अपने बच्चों के लिए खाना पका रही थी। चिल्लाने की आवाज सुनकर वो बाहर आई और ये हादसा हो गया। मृतिका के हाथों पर आटा लगा हुआ था। आरोपी बाप-बेटा उस समय इतने खूंखार हो गए थे कि मोहल्ले के लोगों के समझाने पर भी वे नहीं माने। मौके पर मौजूद लोगों की माने तो मृतिका जब हमले में घायल होकर अपनी अंतिम सांसें ले रही थी, तब भी वह यही गुहार लगाती रही थी कि कोई तो मेरे बच्चों को बचा लो, नहीं तो ये उन्हें नहीं छोड़ेंगे।
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