बिलासपुर के बेलगहना में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं और भैंस का शिकार करने की घटना भी सामने आई है। दूसरी ओर कोटा वन परिक्षेत्र में तेंदुए ने बैल पर हमला कर दिया। वन विभाग के ट्रैपिंग कैमरे में भी तेंदुए की तस्वीर कैद हुई है। इससे वन परिक्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। वन विभाग के मैदानी अमले ने भी वन समितियों की बैठक लेकर जंगली जानवरों से बचने मुनादी कराने कहा है।
कोटा वन परिक्षेत्र में पिछले कुछ समय से तेंदुआ आने की सूचनाएं मिल रही थी। सर्चिंग के दौरान वन विभाग को उसके पग मार्क व मल के निशान भी मिले थे। प्रत्यक्ष रूप से तेंदुआ नहीं देखा गया था। इस बीच तेंदुए के मवेशियों के शिकार करने की भी बात भी सामने आई थी। लिहाजा, वन विभाग ने निगरानी करने के लिए कोटा के फौजी ढाबा के पास जंगल में ट्रैप कैमरे लगाए गए। बीते रविवार की रात तेंदुए ने एक ग्रामीण के बैल पर हमला किया। जिससे बैल की मौत हो गई।
वन अफसरों ने ली मीटिंग
कोटा व बेलगहना में हिंसक जानवरों के सक्रिय होने के बाद वन अफसरों की चिंता बढ़ गई है। तेंदुआ व बाघ अभी मवेशी पर हमला कर रहे हैं। आने वाले समय में ग्रामीणों को भी निशाना बना सकते हैं। ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों ने कोटा व बेलगहना रेंज में वनकर्मियों के साथ ही वन प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों की बैठक ली। पदाधिकारियों व सदस्यों को ग्रामीणों को सतर्क रहने की समझाइश देने कहा गया है। वन विभाग की सर्चिंग टीम ने देर शाम गुजरने वाले ग्रामीणों को भी रोक-रोक कर वन्य प्राणी के खतरे की जानकारी दी। साथ ही उन्हें रात में घर से नहीं निकलने कहा गया।
[metaslider id="347522"]