बिहार 26 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। के औरंगाबाद जिले में शुक्रवार देर शाम आईईडी विस्फोट हो गया. माओवादियों के लगाए हुए प्रेशर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस में विस्फोट हो गया. इस घटना में सीआरपीएफ (CRPF Jawan) के एक सहायक कमांडेंट समेत 3 जवान घायल हो गए. यह जानकारी आज एक सीनियर पुलिस अधिकारी की तरफ से दी गई है. पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक 205 कोबरा बटालियन (Cobra Battalion) ने पिछले दो दिनों से नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है. यह अभियान चकरबंधा, लंगुराही और पंचरुखिया पहाड़ी और गया-औरंगाबाद सीमावर्ती जिलों के वन क्षेत्र के बीच चलाया गया.
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की खबर के मुताबिक औरंगाबाद के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के एक ग्रुप के बीच जमकर गोलीबारी हुई. जैसे ही सुरक्षा बलों ने नक्सलियों पर फायरिंग (Firing) शुरू की, माओवादियों ने वहां पर आईईडी विस्फोट (IED Blast) कर दिया. इस घटना में तीन कोबरा जवान घायल हो गए. इनमें सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह, रेडियो ऑपरेटर-सह-हवलदार सुरेंद्र कुमार और सुमन पांडे शामिल हैं. तीनों जवानों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया है. इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है.
दो घायल जवान दिल्ली में भर्ती
पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट के बाद सभी घायल जवानों को मदनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. गंभीर हालत को दखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद सभी को गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायल जवानों को मौके से निकालने में करीब ढाई घंटे से ज्यादा का समय लगा. पटना में सीआरपीएफ पीआरओ ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि सहायक कमांडेंट और हवलदार समेत दो घायलों को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
नक्सलियों ने किया IED ब्लास्ट
पीआरओ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक आईईडी विस्फोट मदनपुर थाना क्षेत्र के करीबाडोह जंगल में हुआ, नक्सलियों की खबर के बाद इलाके में कोबरा बटालियन तलाशी अभियान चला रहा था. यह घटना CRPF के विशेष डीजी नितिन नवीन, पटना सेक्टर के आईजी और गया रेंज के आईजी के मदनपुर थाना क्षेत्र के दौरे के एक हफ्ते बाद हुई है. सभी अधिकारियों ने राज्य के कुछ खतरनाक इलाकों में नक्ललियों से निपटने की रणनीति की समीक्षा की थी. बता दें कि दुर्गम इलाका झारखंड के पलामू जिले की सीमा पर होने की वजह से नक्सलियों की यहां गहरी पैठ है. यही वजह है कि सुरक्षाबल इलाके में सही से अपनी पैठ बनाने में नाकाम रहे हैं.
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