फ्लिपकार्ट पर रजिस्टर्ड कारोबारियों की खत्म होगी नकदी की चिंता, ICICI बैंक ने किया खास ऑफर का ऐलान…

फ्लिपकार्ट पर रजिस्टर्ड कारोबारियों के लिये अब नकदी की चिंता खत्म होगी…दरअसल आईसीआईसीआई बैंक ने आज ऐलान किया है कि वो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े विक्रेताओं को 25 लाख रुपये तक की ओवर ड्रॉफ्ट सुविधा ‘इंस्टाओडी’ देगा. इसके लिये बैंक ने फ्लिपकार्ट के साथ एक समझौता किया है.

क्या है ये ओवरड्रॉफ्ट का ऑफर

आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक ‘इंस्टाओडी’ नाम से इस प्रोडक्ट के तहत किसी भी बैंक के गाहक जो फ्लिपकार्ट पर विक्रेता के रूप में रजिस्टर्ड हैं, 25 लाख रुपये तक ओवरड्रॉफ्ट सुविधा तुरंत पा सकते हैं. वहीं जिन कारोबारियों ने कभी कर्ज या ओवर ड्रॉफ्ट सुविधा नहीं ली है वो भी इस सुविधा के माध्यम से ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा पा सकतें. आवेदन से मंजूरी तक का पूरा प्रोसेस डिजिटल है. बैंक की इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए आईसीआईसीआई बैंक के हेड- सेल्फ एमप्लॉयड सेग्मेंट, एमएसएमई एंड मर्चेट इकोसिस्टम, पंकज गाडगिल ने कहा कि बैंक इसके लिये क्रेडिट मूल्यांकन के विशेष स्कोर कार्ड का इस्तेमाल करता है, जिससे ऐसे ग्राहक जो अपनी बैलेंस शीट, स्टेटमेंट या रिटर्न के इस्तेमाल के परंपरागत प्रक्रिया से जरूरी क्रेडिट नहीं पा सकते हैं उन्हें बेहतर कर्ज सीमा पाने का मौका मिलता है.

क्या है ओवरड्रॉफ्ट की खासियत

आईसीआईसीआई बैंक के मुताबिक पूरी प्रक्रिया डिजिटल है. प्रक्रिया में आवेदन का मूल्यांकन काफी तेजी के साथ किया जाता है. इसके लिये बैंक डेटा एनालिटिक्स की मदद से एक स्कोर कार्ड तैयार कर रहा है. जिससे कारोबारियों की कर्ज क्षमता का तेजी से आकलन किया जा सकता है. तत्काल मंजूरी और ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर अपने आप ओडी का नवीनीकरण होता है. बैंक के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक के साथ करंट अकाउंट रखने वाले वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिये सुविधा का तुरंत इस्तेमाल कर सकते हैं..वहीं अन्य बैंकों के ग्राहक डिजिटल रूप से आईसीआईसीआई बैंक के साथ करंट अकाउंट की शुरुआत कर ओडी लिमिट का फायदा उठा सकते हैं.

कैसे पायें ओडी लिमिट का फायदा

इसके लिये कारोबारी फ्लिपकार्ट सेलर हब अकाउंट पोर्टल पर आईसीआईसीआई बैंक का ऑफर तलाशें. बैनर पर क्लिक करने पर कारोबारी आईसीआईसीआई बैंक के इंस्टाओडी प्लेटफार्म पर पहुंच जायेंगे. यहां उन्हें लॉगइन कर डिजिटल तरीके से फॉर्म भरना होगा. ओडी लिमिट की स्वीकृति देने के साथ ही सुविधा शुरू हो जाती है.