कोरबा 6 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के 6 दिसंबर को भारत ही नहीं अपितु पूरे विष्व मंे महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उन्हें शत्-शत् नमन करते हुए भावभीनी श्रद्वांजलि दिया जाता है। इसी कड़ी मंे आज 6 दिसंबर को ओपन थिएटर घंटा घर स्थित बाबाजी के आदमकद प्रतिमा में पुष्प माला एवं दीप जलाकर अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनी राम जांगड़े के नेतृत्व में सतनामी समाज के युवाओं ने उन्हें श्रद्वा सुमन श्रद्वांजलि अर्पित किए। इस बीच समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनीराम जांगड़े ने उपस्थित समाज के युवा एवं माता-बहनो को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर जी सतनामी समाज ही नहीं वरन सभी समाज के लिए प्रेरणादायी हैं क्योंकि उनके द्वारा भारत का संविधान का निर्माण किया गया है एवं उन्ही के द्वारा बनाए गए संविधान के अनुसार पूरे भारतवर्ष में सभी वर्ग के लोग स्वतंत्र एवं निर्भीक होकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। साथ ही जांगड़े ने यह भी कहा कि हमारे समाज को सदैव बाबाजी के द्वारा बताई गई राह पर चलना है एवं उनके संदेष को अपने जीवन में सदैव आत्मसात् करना होगा तभी देष व समाज उन्नति की ओर अग्रसर होगा। अंबेडकर जी ने मानव समाज को संदेष दिया है कि संघर्ष करो, षिक्षित बनो, संगठित रहो ये तीनो मंत्र को हमे कदापि नहीं भूलना है। यह तीनो मंत्रों को हम अपने जीवन में साथ लेकर चलते हैं तो बाबा साहेब को सच्ची श्रद्वांजलि होगी।
इस बीच सतनामी समाज के वरिष्ठ समाजसेवी नरेन्द्र भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सतनामी समाज के सर्वांगीण विकास के प्रति सदैव समर्पित युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी निष्चित रूप से बधाई के पात्र है क्योंकि हर ऐक छोटे-बड़े कार्यक्रम में आप सभी बढ़चढकर हिस्सा लेते हैं। आप सभी बधाई के पात्र हैं। मै आषा करता हॅूं कि इसी प्रकार समिति के द्वारा आयोजित हर कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति सदैव होती रहे। चूंकि आप सभी सतनामी समाज के आने वाले समय के भविष्य हैं।
उक्त कार्यक्रम में विषेष रूप से अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के प्रदेष अध्यक्ष मनीराम जांगड़े, नरेन्द्र भारद्वाज,राजेष कुमार मार्बल, धीरज कुमार आर्य, अष्वनीकांत, सुरेन्द्र भारद्वाज, श्याम खूँटें, रमन जोषी, दीपेष कुमार, दादू लाल मनहर, नरेष टंडन, खोलबहरा रत्नाकर, चन्द्रषेखर खूंटे, किरणराज , श्रीमती अमरीका बांधेकर सहित बड़ी संख्या में बुजुर्ग एवं माता-बहनें उपस्थित रहीं।
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