05 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। बिहार के अररिया जिले में एक कोर्ट ने बीते कुछ दिन पहले दुष्कर्म (Rape) के दोषी को एक दिन में फैसला सुनाकर पूरे देश के लिए मिसाल कायम कर दी. वहीं, जिला कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में सुनवाई करते हुए एक ही दिन में गवाही सुनने और बहस के बाद आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
दरअसल, अररिया के नरपतगंज थाना क्षेत्र में इसी साल बीते 23 जुलाई को एक 8 साल की नाबालिग बच्ची के साथ रेप का केस दर्ज किया गया था. इस दौरान जांच अधिकारी ने दिलीप कुमार यादव (30) नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और बीते 18 सितंबर को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. वहीं, कोर्ट ने 20 सितंबर को उसी महीने में संज्ञान लिया. इसके साथ ही 24 सितंबर को आरोप पत्र गठित हुआ और फिर मामले में 4 अक्तूबर को सुनवाई की गई. इसी दिन बहस हुई और आरोपी को उसी दिन सजा दे दी गई.
कोर्ट में कुल 10 गवाह हुए पेश
बता दें कि अभियोजन पक्ष ने पीड़िता, उसके माता-पिता, भाई, 2 डॉक्टर, एक सहायक नर्सिंग दाई, जांच अधिकारी और 2 पड़ोसियों समेत 10 गवाह पेश किए. इस मामले में उन सभी की जांच की गई और उसी दिन बहस भी हुई. इस दौरान आरोपी के पक्ष में किसी ने गवाही नहीं दी. कोर्ट ने यादव को उम्रकैद की सजा देने के अलावा सरकार से पीड़िता को 2 लाख रुपए देने का निर्देश दिया. उधर बिहार सरकार के गृह विभाग के अभियोजन निदेशालय ने दावा किया कि यह देश में POCSO अधिनियम के तहत सबसे तेज ट्रायल था. वहीं, गृह विभाग ने कहा कि इसने 2018 में MP की एक कोर्ट द्वारा तय की गई 3 दिनों में एक फैसले के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
जानिए कैसे मजबूत हुआ केस
मीडिया खबरों के अनुसार लोक अभियोजक श्याम लाल यादव ने कहा कि हमारे पास एक बहुत मजबूत मामला था, जिसमें लड़की की मेडिकल रिपोर्ट और खून से सने कपड़े निर्णायक रूप से साबित करते थे कि उसके साथ रेप किया गया था. किशोरी ने आरोपी की पहचान कर ली थी. सभी गवाहों ने हमारे मामले में मदद की. उन्होंने कहा कि बीते 4 अक्तूबर को सुनवाई शुरू होने के समय से चीजें तेजी से आगे बढ़ीं. ऐसे में सभी गवाहों की जांच के बाद और अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपनी बात रखी. कोर्ट ने सजा सुनाई. यह पूरे दिन की सुनवाई थी और फैसला शाम 5 बजे तक आ गया.
बचाव पक्ष के एडवोकेट ने दी दलील
गौरतलब है कि बचाव पक्ष के एडवोकेट का कहना है कि उन्होंने यह तर्क देने की कोशिश की कि लड़की के गुप्तांगों में चोट तब लगी होगी जब वह बांस की झाड़ियों के बीच खुले में शौच कर रही थी. वहीं मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया कि उसका हाइमन टूट गया था और उसके गुप्तांगों पर गंभीर चोटें आई थीं. बचाव पक्ष ने बताया कि अभियोजन द्वारा की गई घटना के समय में एक विरोधाभास है. इसके साथ ही पीड़िता द्वारा कोर्ट के समक्ष दिए गए बयान में भी विरोधाभास है.
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