एक थाना ऐसा भी, छत्तीसगढ़ के इस जिले के थाने में लोग सैर करने, मनोरंजन के लिए जाते है

बालोद। पुलिस थाना का नाम सुनकर लोग कांपने लगते है। वहां जाने से कतराते है। जो लोग जाते हैं वो अपनी पीड़ा ले कर जाते है। लेकिन एक ऐसा भी थाना है जहां लोग अपना मनोरंजन करने और सुबह-शाम सैर करने जाते हैं। यह थाना है बालोद जिला के मंगचुआ गांव में। थाना परिसर विभिन्न फूलों की खुशबू से महकता है, हरे घास, फव्वारा, वहां की हरियाली हर किसी को आकर्षित करती है। और ये सब कारनामा किया है यहां पदस्थ उप निरीक्षक दिलीप नाग ने।

साल 2019 के दिसंबर से वे यहां थाना प्रभारी के पद पर तैनात हुए। जिसके बाद उन्होंने थाना का कायाकल्प करने की सोची और अपना काम शुरू कर दिया। स्वयं के खर्च से उन्होंने थाना में निर्माण कार्य प्रारंभ कराया। उनकी कार्यशैली और व्यवहार देख कर अब ग्रामीणों ने भी उनका सहयोग करना शुरू कर दिया।

सभी के सहयोग और देखभाल से अब मंगचुआ थाना परिसर उद्यान की तरह नज़र आता है। उप निरीक्षक दिलीप नाग का कहना है पुलिस थाना और वहां बैठे खाकीवर्दी वालों को देख लोगों में भय बना रहता है। लोग अपनी बातों को बेहतर तरीके से बता नहीं पाते। ऐसे में प्राकृतिक वातावरण तैयार कर लोगों को आकर्षित करने और पुलिस के पास बिना डरे अपनी बात रखने के लिए इसे सजाया गया है। उन्होंने बताया कि थाना में गार्डन है जहां रंगबिरंगे फूल पौधे हैं, तालाब भी हैं जहां बतख तैरते रहते हैं. वहां कोई भी मछली के कांटे से मछली पकड़ सकता है। यही नहीं बल्कि यहां आस्था का केंद्र एक मंदिर भी है जहां हर रोज सुबह-शाम लोग मत्था टेकने पहुंचते हैं।

दिलीप नाग की कार्यशैली की सराहना ग्रामीण दिल खोल कर करते हैं। बालोद पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार भी उपनिरीक्षक दिलीप नाग के इस कार्य को देखकर उनकी प्रशंसा करने से अपने आप को रोक नहीं पाए।