Chhattisgarh: युवक ने घायल सांप को मुहं से सांस देकर बचाई जान, वेटनरी डॉक्टरों ने कर दिए थे हाथ खड़े..

अंबिकापुर 03 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) या मुह से सांस देकर किसी इंसान की जान बचाने के कई किस्से आप ने सुने होंगे पर CPR से किसी सांप की जान बचाई गई हो ऐसे आप पहली बार सुन रहे होंगे (Snake Rescued by CPR). ऐसा मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अंबिकापुर से सामने आया है. जहां एक युवक घायल सांप को सीपीआर देकर सांस दी.

अंबिकापुर के रहने वाले सत्यम द्विवेदी (Satyam Divedi) ने हाल ही में यह कारनामा किया है. सत्यम ने सांप को सीपीआर देकर न सिर्फ सांप की जान बचाई, बल्कि उसका इलाज करवाया और उसे जंगल में भी छोड़ा. सत्यम को पता चला कि उन्हें एक सांप को बचाना है, जिसे सब्बल से मारा गया था. वह घायल हालत में सांप को लेकर पशु चिकित्सालय चले गए. वहां डॉक्टर ने कहा कि सांप का बचना नामुमकिन है। उसकी हालत बहुत नाजुक है.

पहले भी कर चुके थे सांपों को CPR देने की कोशिश

तब सत्यम ने सोचा कि क्यों न सांप को भी सीपीआर दिया जाए. सत्यम का कहना है कि उन्होंने सोचा जब सीपीआर के जरिए इंसानों को बचाया जा सकता है तो इन बेजुबान जीवों को क्यों नही? सत्यम उससे पहले भी फोरेट जैसी जहरीली दवाओं के उपयोग के बाद बेहोश हुए सांपों को सीपीआर दे चुके हैं पर वह सफल नहीं हुए. इस बार उन्होंने फिर कोशिश की और कोशिश सफल भी रही. उन्होंने घायल सांप को सीपीआर दिया तो सांप की पूछ में कुछ हलचल होने लगी. इसके बाद जब पूरी तरह ठीक हुआ तो उसे सत्यम ने जंगल में छोड़ दिया.

इलाके में स्नेकमैन के नाम से जाने जाते हैं सत्यम

बताते चलें कि जहरीले सांपों को घरों से सुरक्षित निकालकर जंगल में छोड़ने की वजह से आस-पास के लोग उन्हें स्नेकमैन के नाम से बुलाते हैं. उन्होंने बताया कि वह अब तक करीब ढाई हजार से ज्यादा सांपों को रेस्क्यू करके उनके प्राकृतिक रहवास यानी जंगल में छोड़ चुके हैं. सत्यम अब वन विभाग के साथ मिलकर सांपों का रेस्क्यू करने के अलावा उन्हें सुरक्षित तरीके से उनके प्राकृतिक रहवास क्षेत्र में छोड़ने का भी काम करते हैं.