आप भी अपने पालतू जानवर का करवा सकते हैं इंश्योरेंस! बीमार या गुम होने पर बीमा कंपनी देगी पैसा, जानिए सबकुछ

अपने भविष्य को लेकर लोग पहले ही कई इंश्योरेंस प्लान ले लेते हैं. ऐसे में अगर कोई दुर्घटना हो जाए या फिर कोई बीमार हो जाए, तो इलाज के दौरान काफी खर्चा होता है, लेकिन पहले ही लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस जैसे कवर ले लेने से आपको कुछ राहत मिल जाती है. आज के समय में अधिकतर लोग पालतू जानवर रखते हैं, और उनकी बीमारी या फिर दूसरी किसी स्थिति को लेकर काफी परेशान भी होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, आप उन्हें कैसे सुरक्षित कर सकते हैं.

अगर आप भी कुत्ता या बिल्ली समेत कोई भी जानवर पालने के शौकीन है, तो उन्हें कैसे सुरक्षित रखा जाना है, ये भी जान लीजिए. दरअसल आप अपने पालतू जानवर का बीमा करवा सकते हैं, ताकि उसके बीमार होने पर आपको उसका खर्चा मिल सके. और गुम होने जैसी स्थिति में आपको जानवर का बीमा कवर मिल पाए. आईए आज आपको पालतू जानवरों के इंश्योरेंस करवाने से जुड़ी जानकारी देते हैं.

क्या होता है पेट इंश्योरेंस (Pet Insurance)?

दरअसल यह भी एक तरह की बीमा पॉलिसी होती है, जिसके तहत आप अपने पालतू जानवर के लिए आने वाली स्थिति के मद्देनजर यह इंश्योरेंस लेते हैं. इसके तहत पालतू जानवर के बीमार होने की स्थिति में आपको पूरा खर्चा मिल जाता है. या फिर किसी दुर्घटना और पालतू जानवर के गुम होने की स्थिति भी इस बीमा में कवर होती हैं. क्योंकि ये पेट्स हमारी फैमिली का हिस्सा होते हैं, तो बदलते समय को देखते हुए कुछ बीमा कंपनियों ने पेट्स इंश्योरेंस पॉलिसी देना शुरू कर दिया है.

कौन-कौन से जानवर इस बीमा में शामिल होते हैं?

देश में पेट्स इंश्योरेंस के तहत, कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया, भेड़, बकरी, घोड़ा, खरगोश, हाथी समेत कुछ और जानवरों को भी शामिल किया गया है. जबकि, अलग-अलग कंपनियों के मुताबिक बीमा ऑफर अलग हो सकते हैं. हालांकि कुछ खास तरह के जानवरों के लिए भी बीमा पॉलिसी दी जा रही है.

क्‍या होता है यह कवर?

इस कवर में न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्‍योरेंस और ओरियंटल इंश्‍योरेंस कई वर्षों से पेट्स इंश्योरेंस देते हैं. जबकि, कई और नई कंपनियां भी इसमें अब जुड़ गई है. बता दें कि, वेटिना हेल्‍थकेयर ने डिजिट इंश्‍योरेंस के साथ मिलकर 2008 में पॉटेक्‍ट मेडिकल कवर लॉन्‍च किया था. वहीं, बजाज आलियांज जनरल इंश्‍योरेंस ने भी अगस्‍त साल 2020 से कुत्‍तों के लिए इंश्योरेंस ऑफर करना शुरू कर दिया है. वहीं, निजी कंपनियां मौत और बीमारी दोनों में कवर उपलब्‍ध करा रही है.

पशु इंश्योरेंस कैसे होता है?

दूसरी इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह ही इस इंश्योरेंस को लेने के लिए भी एक उम्र की सीमा लागू है. जिसके तहत, कुत्तों और बिल्लियों के लिए, बीमा खरीदने की आयु सीमा 8 सप्ताह से 8 वर्ष के बीच है. गायों के लिए, यह आयु सीमा 2 और 10 साल की होती है. जबकि, बकरियों, भेड़ों के लिए यह 1 से 7 साल के बीच होती है.

इंश्योरेंस प्रीमियम क्या है?

इस बीमा प्रीमियम का आकार बीमित राशि के 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच रहता है, जबकि यह पालतू पशु की आयु, बीमित राशि के आकार, नस्ल, मृत्यु जैसे कारकों के आधार पर अलग होने की संभावनाएं है.