माओवादियों की दहशत, चक इलाके ने चिपकाए पोस्टर, PLGA में भर्ती होने की अपील…

02 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। झारखंड में माओवादियों की गिरफ्तारी और सरेंडर की घटनाओं के बावजूद राज्य के कई इलाकों में माओवादियों की दहशत बरकरार है. माओवादी 2 दिसंबर से 7 दिसंबर तक अपना पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं. माओवादी फौजी कार्रवाई के लिए पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गोरिल्ला आर्मी का इस्तेमाल करते हैं. पीएलजीए सप्ताह के पहले दिन पलामू के अति नक्सल प्रभावित इलाके मनातू थाना क्षेत्र के चक में माओवादियों ने पोस्टर चिपकाया है. इससे इलाके में दहशत है.

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल भवन और पंचायत भवन को अपना भर्ती केंद्र बना दिया है. इसी पोस्टर के माध्यम से उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल भवन और पंचायत भवन को अपना भर्ती केंद्र बताया है. पोस्टर भाकपा माओवादी जनमुक्ति छापामार सेना पीएलसीए के द्वारा फेंका गया है.

पलामू के चक बाजार इलाके में पोस्टर चिपकाने से दहशत

नक्सली पोस्टर चक बाजार इलाके में चिपकाया गया है और कई जगहों पर फेंका भी गया है. पोस्टर में माओवादियों ने लोगों से पीएलजीए में भर्ती होने की अपील की है. माओवादियों ने लिखा है कि पीएनजीए में भर्ती होने के लिए लोग स्कूल भवन, पंचायत भवन और आंगनबाड़ी केंद्रों में अपना आवेदन जमा करें. पोस्टर की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टर को अपने कब्जे में लेकर इलाके में सर्च अभियान शुरू कर दिया है. पलामू में एक लंबे समय के बाद माओवादियों ने इस तरह के पोस्टर चिपकाए हैं. चक के इलाके में 2015 के बाद से माओवादियों की धमक बंद हो गई थी. चक में सीआरपीएफ और जैप का कैम्प है. जिस जगह पर माओवादियों ने पोस्टर चिपकाया है, उस जगह से कैम्प की दूरी केवल एक किलोमीटर है. माओवादियों के पोस्टर चिपकाए जाने से इलाके में दहशत है.

युवक-युवतियों की पीएलजीए में भर्ती की कर रहे हैं अपील

हाल में पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा व पोड़ाहाट के बीहड़ क्षेत्रों में भाकपा माओवादियों ने जमकर पोस्टरबाजी की और जगह जगह बैनर भी लगाए थे. भाकपा माओवादियों ने शनिवार को सारंडा, किरीबुरू, छोटानागरा, बड़ाजामदा, सोनुआ और मनोहरपुर के कई इलाकों में पोस्टरबाजी की गयी और बैनर लगाए. नक्सलियों के द्वारा लगाए गए पोस्टर व बैनर में पीएलजीए के दो दशकीय वर्षगांठ के अवसर पर बड़े पैमाने पर युवक-युवतियों की पीएलजीए में भर्ती करने की प्रक्रिया को तेज करने की बात कही है, आरएसएस के निर्देशन पर भाजपानीत केंद्र सरकार द्वारा किसान, मजदूर, छात्र नौजवानों, मानवाधिकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों पर फासीवादी हमलों का तीव्र विरोध करने की बात लिखी गई है

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