बिहार01दिसम्बर (वेदांत समाचार)। मधुबनी जिला कोर्ट में एडीजे अविनाश कुमार पर हमला मामले में आज पटना हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि आखिर अब तक मधुबनी के एसपी का तबादला क्यों नहीं किया गया.
मामले में कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते कहा कि अगर एसपी अपने पद पर बने रहते हैं जांच प्रभावित हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. पटना हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई के दिन रात का पूरा ब्यौरा सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के अंदर देने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद अब सीआईडी पूरे मामले की जांच करेगी.
8 दिसम्बर को अगली सुनवाई
इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी बनाया है. पिछली सुनवाई में इस मामले में राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया था कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से जांच करने में सक्षम हैं इसके बावजूद अगर कोर्ट चाहे तो किसी भी एजेंसी को मामले की जांच सौंप सकती है. इस मामले पर अगली सुनवाई 8 दिसम्बर,2021 को होगी.
18 नवंबर को चेंबर में घुसे थे दोनों दारोगा
बता दें कि पिछले महीने बिहार के मधुबनी जिले में एडीजे अविनाश के चैंबर में थानेदार और दरोगा घुस गये थे. यहां दोनों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की थी. जिसके बाद शोर सुनने के बाद वहां मौजूद वकीलों ने दोनों दारोगा से उन्हें बचाया और उन्हें कोर्ट में ही बंधक बना लिया. इसके बाद मामले में एडीजे अविनाश ने दोनों के खिलाफ एफआईआऱ कराया था. तो वहीं आरोपी दारोगा ने भी अपने बयान में कहा है कि जज और उनके कर्मचारी ने उनके साथ गाली गलौच की और उन्हें टांग देने की धमकी दी. साथ दी दारोगा ने कहा कि एडीजे अविनाश कुमार ने एक आरोपी इंजीनियर को सर कहने के लिए कहा. मना करने पर जज ने उनके साथ पिटाई की
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