बच्चे की जान बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गई मां, अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई जान…

मध्य प्रदेश01दिसम्बर (वेदांत समाचार)।सीधी जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां इन दिनों एक मां की बहादुरी की काफी चर्चा हो रही है, क्योंकि इन्होंने अपनी जान पर खेलकर आदमखोर तेंदुए से अपने बच्चे को बचा लिया. जहां तेंदुए ने हमले में बच्चे को बुरी तरह से घायल कर दिया, लेकिन बच्चे को नहीं ले जा पाया. जिसमें बच्चे को गाल, पीठ और एक आंख में गंभीर चोट आई है. वहीं, घायल बच्चे को इलाज के लिए कुसमी अस्पताल में एडमिट कराया गया है. इस दौरान मची चीख-पुकार सुनकर और स्थानीय गांव वाले भी मौके पर आ गए, जिससे तेंदुए को अपना शिकार छोड़कर भागना पड़ा.

दरअसल, ये मामला सीधी जिले में कुसुमी ब्लॉक के संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज के बाड़ी झरिया गांव का है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तीन तरफ से पहाड़ों से घिरे बाड़ी झरिया गांव की रहने वाली शंकर बैगा की पत्नी किरण
बैगा देर शाम ठंड से बचने के लिए अपने बच्चों के साथ अलाव के पास बैठी हुई थी. जबकि एक बच्चा किरण की गोद में था जबकि दो बच्चे पास ही बैठे थे. इसी बीच अचानक तेंदुए ने हमला बोल दिया. ऐसे में तेंदुआ एक बच्चे को मुंह में दबाकर उठा ले गया. ज्यादा अंधेरे होने के कारण भी तेंदुए के पीछे भागी. इस दौरान लगभग 1 किमाी दूर तक तेंदुए के पीछे जाकर किरण अपने बच्चे को बचाकर लाने में सफल रही. किरण ने घटना के संबंध में बताया कि दूर जाकर तेंदुआ उसके बच्चे को अपने पंजों से दबाकर बैठ गया.

मां ने जानपर खेलकर बचाया बच्ची को

इस मामले में पीड़ित किरण ने बताया कि उसने अपन साहस करके अपने बच्चे को किसी तरह तेंदुए के कब्जे से मुक्त करा लिया और शोर करने लगी. ऐसे में तेंदुए ने उस पर भी कई वार किए लेकिन तब तक स्थानीय गांव के लोग भी मौके पर पहुंच गए. भीड़ जुटने पर तेंदुआ जंगल की ओर से भाग गया. वनअधिकारी टाइगर रिजर्व टमसार सीधी असीम भूरिया ने घटना को लेकर बताया कि जानकारी मिलने के बाद विभाग की टीम गांव में पहुंची और घायल बच्चे को इलाज के लिए फौरन कुसमी अस्पताल में एडमिट कराया गया है.

घायल बच्चे के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा वन विभाग

बता दें कि इस मामले में वन अधिकारी ने बताया कि तेंदुए के हमले में बच्चें को पीठ, गाल और आंख में काफी गहरी चोट आई है. फिलहाल उसका कुसमी अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि घायल बच्चे के इलाज का पूरा खर्च वन विभाग की ओऱ से उठाएगा. इसके साथ ही स्थानीय जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सहयोग राशि भी प्रदान की गई है.