Surya Grahan 2021: इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण कब देखना है, जानिए…

30 नवंबर (वेदांत समाचार)। सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका मानव जीवन पर सीधे तौर पर प्रभाव पड़ता है. जबकि ये इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा.

इसका मतलब सीधे तौर पर ये है कि आपके ऊपर इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव आंशिक रहेगा. हालांकि, ग्रहण के दौरान आप उसी तरह की सावधानियां बरतें जो आप हर बार पड़ने वाले ग्रहण के दौरान बरतते हैं.

इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. हर बार का सूर्य ग्रहण अपने आप में बेहद खास होता है और इस बार का भी कुछ ऐसा ही है.

लोग 4 दिसंबर, 2021 को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण देखने जा रहे हैं. आखिरी बार केवल अंटार्कटिका ही पूर्ण सूर्य ग्रहण देख पाएगा, जबकि न्यूजीलैंड, चिली सहित दक्षिणी गोलार्ध, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, दक्षिण जॉर्जिया और सेंट हेलेना में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसे लोग देख पाएंगे.

नासा ने कहा कि, “सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, पृथ्वी पर छाया डालता है, कुछ क्षेत्रों में सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध करता है. कुल सूर्य ग्रहण होने के लिए, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी को एक सीधी रेखा में होना चाहिए,”.

पिछले सूर्य ग्रहण से पहले हम आपके लिए विस्तृत जानकारी लेकर आए हैं, जैसे कि समय, कहां देखना है, सूतक का समय आदि.

सूर्य ग्रहण 2021: समय

दिनांक: 4 दिसंबर, रविवार

आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 5:29 बजे UTC

आंशिक ग्रहण सुबह 09:37 बजे समाप्त होगा UTC

पूर्ण ग्रहण सुबह 07:00 बजे UTC से शुरू होगा

पूर्ण ग्रहण सुबह 08:06 बजे यूटीसी पर समाप्त होगा

अधिकतम सूर्य ग्रहण सुबह 07:33 बजे UTC

सूर्य ग्रहण 2021: क्या ये भारत में दिखाई देगा?

नहीं, भारत में ग्रहण नहीं दिखेगा. ये अंटार्कटिका, अटलांटिक के दक्षिणी क्षेत्रों, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण 2021: भारत में सूतक

क्यूंकि भारत में अंतिम सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल और उसका प्रभाव भी नहीं देखा जाएगा.

सूर्य ग्रहण 2021: महत्व

इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में महत्वपूर्ण है क्योंकि ये विक्रम संवत 2078 के दौरान कार्तिक के हिंदू महीने के अनुसार, अमावस्या को होगा. साथ ही, ये ज्यादातर वृश्चिक राशि के जातकों और अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वालों को प्रभावित करेगा.

नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.