कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक शुरू, शाम तक लग सकती है इन प्रत्याशियों के नाम पर मुहर

रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय ‘राजीव भवन’ में चुनाव समिति की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, सभी प्रभारी मंत्री व समिति के सदस्यों की उपस्थिति में बैठक हो रही है। अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि बैठक के बाद शाम तक कुछ प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा सकता है।

वहीं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि, “केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को प्रभावित किया जा रहा है। इस साजिश के चलते हमने पुराने बारदाने से धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। सोसायटी में हमारे पास उपलब्धता है। वहाँ हमे जरुरत नहीं है इसके बावजूद किसाने पुराने बारदाने पर धान ला सकते हैं। इसे हमने सार्वजनिक तौर पर कहा था”

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि, भूपेश सरकार धान खरीदी कर छग में सबसे बड़ा कार्य कर रही है। जिस तरह से प्रदेश में फसल का उत्पादन हुआ है और किसानों में उत्साह है और साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर 5 लाख मैट्रिक टन निर्धारित किया गया है। एक दिसम्बर से प्रदेश में धान खरीदी का उत्सवी माहौल है। इसके लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। पिछले वर्ष की तुलना में धान खरीदी केंद्र बढ़ा है और लक्ष्य भी बढ़ा है। आने वाले समय में धान खरीदी की पूरी व्यवस्था कर रहे हैं।

केंद्र सरकार को लगभग साढ़े 5 लाख गठान बारदानों की सप्लाई करना था लेकिन जूट कमिश्नर को आदेश होने के बावजूद एक लाख बारदान सप्लाई नहीं हो पाई है। इसके बावजूद भी राईस मिलर्स से पुराने बारदाने, पीडीएस के दुकानों से, साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान 1 दिसम्बर से अपने पुराने बारदाने से धान ला सकते हैं। टोकन और पंजीयन का काम लगभग पूर्ण हो चुकी है। कल से तौलने का काम शुरू होगा।

भारतीय जनता पार्टी आरोप लगाते हैं कि जूट कमिश्नर को आर्डर दिया इसमें केंद्र सरकार की क्या जवाबदारी है। उनकी विवेक पर और समझ पर और उनकी बुद्धि पर मुझे तरस आता है। अगर जूट कमिश्नर को केंद्र सरकार अपना हिस्सा नहीं मानते तो मुझे उनकी बुद्धि पर तरस आता है।

बीजेपी शासन के दौरान प्रदेश में 52-53 लाख टन ही धान खरीदी की गई। और हम 1 करोड़ 5 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी की लक्ष्य रखे हैं। मैं समझता हूँ कि कोई भी बीजेपी कार्यकर्ता इसे सपनों में भी सोच नहीं सकते थे कि छग में भी इतना धान खरीदी हो सकता है।“

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