भारत में ‘ओमीक्रॉन’ का अब तक कोई केस नहीं, सरकार ने जारी कीं नई गाइडलाइंस, राज्यों को दी जरूरी सलाह..

29 नवंबर (वेदांत समाचार)। भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है. इस बात की जानकारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को दी है. हालांकि दो संदिग्ध मामलों की अभी जांच हो रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) और कर्नाटक (Karnataka) के दो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. अब इनके सैंपल से वेरिएंट के प्रकार के बारे में पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. महाराष्ट्र के ठाणे का ये शख्स दक्षिण अफ्रीका से 24 नवंबर को यात्रा करके लौटा था. जिसके बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया.

उसके सैंपल जीनोम टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं, जिससे ये पता चलेगा कि वह ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हुआ है या नहीं. दूसरी तरफ कर्नाटक ने केरल की सीमा से लगे दक्षिण कन्नड़, मदिकेरी, चामराजनगर और मैसूर जिलों में एहतियाती कदम उठाने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने इस बात पर ध्यान दिया है कि केरल से आने वाले लोगों में कोविड का प्रसार अधिक देखा गया है. राज्य सरकार ने केंद्र से दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले लोगों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया है.

सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला

ये वेरिएंट इस महीने की शुरुआत में दक्षिणी अफ्रीका में सामने आया था. इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक वेरिएंट’ घोषित किया है. यह अब तक 15 देशों में फैल चुका है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है. उन्होंने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मीडियाकर्मियों को संबोधित करते वक्त यह बात कही. भारत ने वायरस से बचाव के लिए सख्त उपाय अपनाना पहले ही शुरू कर दिया है. अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सख्त जांच

यात्रियों को एयरपोर्ट पर अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करानी होगी. खासतौर पर उन लोगों की अच्छे से जांच हो रही है, जो उन देशों की यात्रा करके लौटे हैं, जिन्हें सरकार ने ‘जोखिम’ वाली श्रेणी में डाला है. इस तरह के देशों की संख्या 11 के करीब है, जिसमें ब्रिटेन और यूरोप भी शामिल हैं (South Africa Travel Ban). दक्षिण अफ्रीकी देशों पर अब तक कई देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है. जापान ने सोमवार को यही कदम उठाया है. देश के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा, ‘हम सभी देशों से आने वाले विदेशियों के प्रवेश पर 30 नवंबर से रोक लगा रहे हैं.’

1 दिसंबर से प्रभावी होंगे नियम

नए दिशा-निर्देश 1 दिसंबर 2021 से लागू हो रहे हैं. यात्रा करने से पहले लोगों को एयर सुविधा पोर्टल पर निगेटिव पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी और 14 दिनों का यात्रा विवरण बताना होग (Revised Guidelines for International Travelers). स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो लोग संक्रमित पाए जाते हैं, उन्हें आइसोलेट होना होगा और प्रोटोकॉल के तहत जांच की जाएगी. उनके सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग होगी. निगेटिव पाए जाने पर 7 दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहना होगा. फिर भारत में आगमन के 8वें दिन दोबारा जांच होगी, इसके बाद 7 दिनों तक सेल्फ-मॉनिटरिंग की जाएगी. जो लोग गैर-जोखिम वाले देशों से आते हैं, उनमें से 5 फीसदी को रैंडमली जांच से गुजरना होगा. कोरोना पॉजिटिव सभी लोगों के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा.

राज्यों से क्या कहा गया?

राज्यों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी निगरानी, ​​जांच में वृद्धि, कोविड-19 के हॉटस्पॉट की निगरानी, ​​स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सलाह दी गई है, जिसमें संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग (Covid in Indian States) करना शामिल हो. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वह महामारी में हो रहे बदलाव पर बारीकी से नजर रखे हुए है. इसके साथ ही कोविड-19 से बचने के लिए उपयुक्त व्यवहार (मास्क / फेस कवर का उपयोग, शारीरिक दूरी, हाथ की स्वच्छता और स्वच्छता रखने) का सख्ती से पालन करने और कोविड-19 टीकाकरण कराना कोविड के प्रबंधन का मुख्य आधार बताया है.

दक्षिण अफ्रीका पर यात्रा प्रतिबंध

ऑस्ट्रिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड ने पहले ही दक्षिणी अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है. ओमीक्रॉन वेरिएंट में कम से कम 30 म्यूटेशन हुए हैं. जो किसी भी अन्य वेरिएंट से अधिक हैं (Why Omicron is Dangerous). अभी ये स्पष्ट नहीं है कि इसपर वैक्सीन काम करेंगी या नहीं. वैज्ञानिकों का कहना है कि वह अध्ययन कर रहे हैं. इसके साथ ही डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ओमीक्रॉन को ज्यादा घातक माना जा रहा है. लेकिन इसपर भी कुछ स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है.

किसने सबसे पहले अलर्ट किया?

सबसे पहले ये वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में मिला था. साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष और 30 साल से प्रैक्टिस कर रहीं डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी (Angelique Coetzee) ने सबसे पहले 18 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के वैक्सीन सलाहकार बोर्ड को इस बारे में सूचित किया था. वह ओमीक्रॉन को लेकर अलर्ट करने वाली पहली डॉक्टर हैं. साथ ही इस वेरिएंट से संक्रमित हुए कम से कम 30 लोगों का 10 दिन के भीतर इलाज कर चुकी हैं. कोएत्जी का कहना है कि सभी मरीजों में अजीब और हल्के लक्षण दिखे थे. सभी बाद में ठीक भी हो गए