एक ऐसा साग, जिससे होती थी घरों की रंगाई-पुताई! विटामिन्स-मिनरल्स की है खान, 8 गंभीर बीमारियों में भी लाभ!….

Bathua Saag Benefits: अक्सर घर के बड़े-बुजुर्ग भोजन में खूब साग-सब्जियां खाने की सलाह देते हैं. खासकर साग जो है, उसे अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहिए. जैसे कि पालक आयरन से भरपूर होता है और सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. बहरहाल आज बात करेंगे, ब​थुआ के साग की. बथुआ को अंग्रेजी में White goosefoot या Lamb’s Quarters भी कहते हैं, जबकि इसका वैज्ञानिक नाम Chenopodium album है. आयुर्वेद में काफी महत्व बताया गया है.

बथुआ को साग, रायते या चटनी के रूप में खाया जाता है. यह साधारण और सस्ता साग में असाधारण गुणों की खान है. इसमें एक दो नहीं बल्कि 8 विटामिन (A, B1, B2, B3, B5, B6, B9 और C) पाए जाते हैं. यही नहीं, इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनीज, सोडियम, फास्फोरस, पोटाशियम और जिंक जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं.

बथुआ को साग, रायते या चटनी के रूप में खाया जाता है. यह साधारण और सस्ता साग में असाधारण गुणों की खान है. इसमें एक दो नहीं बल्कि 8 विटामिन (A, B1, B2, B3, B5, B6, B9 और C) पाए जाते हैं. यही नहीं, इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनीज, सोडियम, फास्फोरस, पोटाशियम और जिंक जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं.

शिल्प शास्त्र के अनुसार, बथुआ का उपयोग बहुत पहले लोग अपने घरों की रंगाई-पुताई में भी किया करते थे. इसे सीमेंट या मिट्टी में मिला कर लोग घरों को हरा रंग देते थे. यही नहीं, सिर धोने के लिए शैंपू की जगह पर भी इसका इस्तेमाल होता रहा है. बताया जाता है कि बथुआ से सिर धोने से बालों में से जुएं और डैंड्रफ का सफाया हो जाता था.

शिल्प शास्त्र के अनुसार, बथुआ का उपयोग बहुत पहले लोग अपने घरों की रंगाई-पुताई में भी किया करते थे. इसे सीमेंट या मिट्टी में मिला कर लोग घरों को हरा रंग देते थे. यही नहीं, सिर धोने के लिए शैंपू की जगह पर भी इसका इस्तेमाल होता रहा है. बताया जाता है कि बथुआ से सिर धोने से बालों में से जुएं और डैंड्रफ का सफाया हो जाता था.

बथुए का साग हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत करता है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लि बथुआ के साग में सेंधा नमक मिलाकर छाछ के साथ सेवन करने की सलाह दी जाती है. इससे पाचन संबंधित बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है. पीलिया, जोड़ों के दर्द, गुर्दा और पेशाब के रोगों में भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है.

बथुए का साग हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत करता है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लि बथुआ के साग में सेंधा नमक मिलाकर छाछ के साथ सेवन करने की सलाह दी जाती है. इससे पाचन संबंधित बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है. पीलिया, जोड़ों के दर्द, गुर्दा और पेशाब के रोगों में भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है.

त्वचा रोग दूर करने में भी बथुआ मददगार है. दाद, खुजली, सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, कुष्ठ आदि जैसे चर्म रोगों में को मिटाने में भी सहायक है. इसके लिए बथुआ को उबालकर इसका रस पीने और साग खाने की सलाह दी जाती है. किडनी में स्टोन यानी पथरी की समस्या में भी बथुआ का सेवन करने की सलाह दी जाती है.......(नोट: यह लेख सामान्य जानकारी और विभिन्न रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में अपने ​चिकित्सक की सलाह जरूर लें.)

त्वचा रोग दूर करने में भी बथुआ मददगार है. दाद, खुजली, सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, कुष्ठ आदि जैसे चर्म रोगों में को मिटाने में भी सहायक है. इसके लिए बथुआ को उबालकर इसका रस पीने और साग खाने की सलाह दी जाती है. किडनी में स्टोन यानी पथरी की समस्या में भी बथुआ का सेवन करने की सलाह दी जाती है…….(नोट: यह लेख सामान्य जानकारी और विभिन्न रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में अपने ​चिकित्सक की सलाह जरूर लें.)

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