कार्बोहाइड्रेट खाने के बाद नींद क्‍यों आती है ?

100 सालों तक रेडीमेड फूड इंडस्‍ट्री द्वारा कार्ब रिच फूड को प्रमोट करने के बाद अब डॉक्‍टर और डाइटीशियन ज्‍यादा कार्ब के खतरों से आगाह करने लगे हैं. डाइट विशेषज्ञों का एक समूह कहता है कि जो लोग ज्‍यादा शारीरिक श्रम नहीं करते, उनके भोजन में प्रोटीन और फैट का हिस्‍सा कार्ब से ज्‍यादा होना चाहिए.

विशेषज्ञों द्वारा यह सलाह दी जाती है कि अगर आप कार्ब खा रहे हैं तो बेहतर होगा कि फैट का सेवन भी कम ही करें. ज्‍यादा फैट सिर्फ उस स्थिति में नुकसानदायक नहीं होता, जब हम कार्ब से बिलकुल दूर रहें और शरीर कीटोन्‍स का निर्माण कर रहा हो यानी कि कीटोसिस की प्रक्रिया में हो.

क्‍या आपने कभी नोटिस किया है कि दोपहर में या रात में भी कार्ब रिच फूड खाने के बाद ज्‍यादा नींद आती है. अगर आप सिर्फ प्रोटीन, फैट और फाइबर का सेवन करें तो आपको उतनी नींद नहीं आएगी. वहीं अगर चावल, रोटी, ब्रेड या मीठा खा लें तो काफी नींद आती है.

लोग इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण से परिचित नहीं हैं. इसलिए कार्ब और प्रोटीन में फर्क न करने की बजाय आपने आम बोलचाल की भाषा में सुना होगा कि चावल खाने से नींद आती है. दरअसल नींद चावल खाने से नहीं आ रही होती. नींद कार्ब की वजह से आती है.

कार्बोहाइर्ड्रेट का एक लक्षण है कि वह पानी को अब्‍जॉर्व करने का काम करता है. संभवत: आपने नोटिस किया हो कि ब्रेड या चावल खाने के बाद प्‍यास भी ज्‍यादा लगती है क्‍योंकि कार्ब पानी को सोख रहा होता है. इस प्रक्रिया में शरीर में वॉटर रीेटेंशन होता है यानी पानी को सोखकर कार्ब फूल जाता है और शरीर के भीतर भी इंफ्लेमेशन होता है. इसलिए कई बार हमें ज्‍यादा कार्ब रिच डाइट लेने के बाद पेट में फूलेपन का एहसास होता है. पेट भरा नहीं होता, भूख का एहसास बाकी होता है, लेकिन पेट ऊपर से फूल जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि शरीर में वॉटर रीटेंशन होता है, जिसकी वजह से नींद आती है.

इसलिए जब हम अपनी डाइट में से कार्ब को निकाल देते हैं और सिर्फ प्रोटीन और फैट रिच खाना खाते हैं तो सबसे पहले तो शरीर के भीतर का इंफ्लेमेशन कम होता है. वॉटर रीटेंशन कम हो जाता है और शरीर की सूजन खत्‍म हो जाती है.

ऐसे में वेइंग मशीन पर तो आपके वजन में कोई खास कमी दिखाई नहीं देगी, लेकिन कपड़े जरूर ढीले हो जाएंगे और शरीर बाहर से देखने में पतला लगेगा. वॉटर रीटेंशन होने के कारण कार्ब खाने बाद ज्‍यादा नींद आती है. इसलिए अगर नींद और थकान से बचना चाहते हैं तो कार्ब का सेवन कम करें.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]