जिले के शिक्षा विभाग में शासन के आदेश व निर्देशों को दिखाया जा रहा ठेंगा विभाग प्रमुख बने हैं मूक दर्शक – जांगड़े


कोरबा 26 नवंबर (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले के अंतर्गत शिक्षा विभाग में प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही विभाग के सचिव स्तर के अधिकारियों का आदेश व निर्देशों का जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोरबा के द्वारा ठेंगा दिखाया जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि जिला कार्यालय में एक ही स्थान पर 5 से 10 वर्षों तक एक ही शाखा का कार्य कार्यालय के लिपिक एवं सहायक संचालक के द्वारा संचालित किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी को उक्त कर्मचारियों द्वारा बरगला कर शासन के एवं कलेक्टर कोरबा के आदेष व निर्देषों को ठेंगा दिखाने में सफल हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण है विगत 3 माह पूर्व शिक्षा विभाग के सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर नियम विरूद्व विभाग के द्वारा पदोन्नति दिया गया है जबकि सही मायने में पात्रता रखने वाले कर्मचारी उक्त पदोन्नति से आज पर्यन्त वंचित हैं।उक्त संबंध में जिला षिक्षा अधिकारी गोर्वधन प्रसाद भारद्वाज को लिखित में शिकायत की गई थी। जिस पर उनके द्वारा सहायक संचालक स्तर के अधिकारियों से जाॅंच कराई गई ओर षिकायत सत्य पाए जाने पर भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया है, जो समझ से परे है।


इस संबंध मंे युवा नेता मनीराम जांगड़े ने आगे यह भी कहा है कि यही नही वर्ष 2011 में र्डी.इ.ओ द्वारा चतुर्थ श्रेणी से सहायक ग्रेड-3 के पद पर विभाग के कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थी। जिसकी षिकायत तत्कालीन कलेक्टर श्री मो. कैसर अब्दुल हक के द्वारा जाॅंच कराई गई। उक्त जाॅंच में भी षिकायत सत्य पाया गया, उसे भी आज तक निरस्त नहीं किया गया। साथ ही राज्य शासन के नियमानुसार विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की आकस्मिक निधन हो जाने पर उसके परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है। बषर्तें उसके परिवार में कोई भी अन्य सदस्य शासकीय सेवा में कार्यरत न हो वही पात्र होते हैं। बीते दिनो कोरोना काल में विभाग के अनेक कर्मचारियों का निधन हो गया था और उनके परिवार के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने संबंधी आवेदन जिला षिक्षा अधिकारी को दिया गया था, लेकिन प्राप्त समस्त आवेदनों में सात कर्मचारियों का आवेदन निरस्त कर दिया गया। इसका मुख्य कारण यह है कि मृतक कर्मचारी के परिवार में एक व्यक्ति शासकीय सेवा में कार्यरत है। जिसके कारण वे अपात्र हो गए एवं शासन का भी यही आदेष है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के निधन के पष्चात अगर उसके परिवार में कोई सदस्य शासकीय सेवक है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति नही दी जाएगी, ठीक इसके विपरीत षिक्षा विभाग में ही विकास खण्ड षिक्षा अधिकारी कार्यालय कटघोरा एवं शासकीय हाई स्कूल दीपका में सहा. ग्रेड-3 के पद पर एक-एक कर्मचारी पदस्थ हैं, उन्हें जो अनुकंपा नियुक्ति दी गई है वे भी पूर्णतः शासन के नियम के विरूद्व है। चूंकि उनके पालक का जब निधन हुआ था तो उनके परिवार में एक सदस्य शासकीय सेवा में थे, बावजूद उसके समस्त नियम कायदों को नजरअंदाज करते हुए अच्छी खासी रकम लेकर उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दे दिया गया है जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग जांगड़े द्वारा किया गया है। यही नहीं जिला षिक्षा अधिकारी के अधीनस्थ विकास खण्ड षिक्षा अधिकारी कार्यालय पाली में एक एैसा कर्मचारी है जो कलेक्टर दर पर नियुक्त है जिसे केवल 11,000/- मासिक वेतन देना है लेकिन संविदा कर्मचारी को दिए जाने वाले 18,000/- रूपये विगत 5 वर्षों से दिया जा रहा है जिससे विभाग को आज पर्यन्त लाखों रूपये का चूना लगया जा चुका है। नियम विरूद्व उक्त कर्मचारी को वेतन देने वाले अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए साथ ही अधिक वेतन जो दिया गया है, उसे उक्त अधिकारी से वसूल किया जाए। साथ ही राज्य शासन का स्पष्ट निर्देष है कि प्रदेष का कोई भी विद्यालय जीर्ण-क्षीर्ण हो तो उक्त भवन का तत्काल मरम्मत करावाकर ही उस भवन में कक्षा संचालित करें। लेकिन जिले के सैंकड़ों एैसे विद्यालय है जो कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं, वैसे ही भवन मे कक्षा संचालित किया जा रहा है। जिससे कभी भी एक बड़ी अनहोनी होने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोरबा का जिला का षिक्षा विभाग विगत 5 वर्षों से शासन प्रषासन के समस्त नियम कायदों को नजरअंदाज करने में सदैव सुर्खियों में रहने वाला विभाग है। उक्त विभाग में चाहे बच्चों के परीक्षा संबंधी समस्या या फिर सामान खरीदी में भारी अनियमितता के नाम से जाने जाना वाला विभाग अपने हठधर्मिता से बाज नहीं आ रहा है। अभी कुछ ही दिन पूर्व शासकीय हाई स्कूल फूलसरी में सिनीयर प्राचार्य के रहते हुए भी जूनियर को प्रभार दे दिया गया।
मनीराम जांगड़े ने प्रदेष के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, स्कूल षिक्षा विभाग एवं कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखकर मांग किया है कि शासन प्रषासन के नियम विरूद्व कार्य किए जाने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के प्रति त्वरित कड़ी से कडी कार्यवाही किया जाए ताकि मा. भूपेष बघेल के भावनाओं के अनुरूप कार्य हो सके।