इजरायल (Israel) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के घातक स्वरूप माने जा रहे B.1.1.529 वेरिएंट की दस्तक हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में इस वेरिएंट का पहला मामला मिल चुका है. वहीं, आशंका जताई जा रही है कि दो अन्य लोग भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. खास बात यह है तीनों कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण हासिल कर चुके थे. B.1.1.529 पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था.
खबर है कि यात्री मलावी से लौटा था. मुल्क वापसी करने वाले दो अन्य लोगों को फिलहाल, आइसोलेशन में रखा गया है. दोनों की जैनेटिक सीक्वेंसिंग के नतीजे आने बाकी हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट प्रमुख तौर पर 25 साल से कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है. B.1.1529 कहे जा रहे इस वेरिएंट को डब्ल्युएचओ शुक्रवार को ग्रीक कोड में नाम दे सकता है. बीबीसी के अनुसार, ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां वेरिएंट कागज पर डरावने नजर आते हैं, लेकिन वास्तव में वे खास नुकसान नहीं पहुंचाते.विज्ञापन
नए वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए यूरोपियन संघ दक्षिण अफ्रीकी क्षेत्र से हवाई यात्राओं को रोकने की तैयारी में हैं. इस बात की जानकारी यूरोपियन संघ आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिए दी थी. वैज्ञानिकों ने भी चेतावनी दी है कि इस वेरिएंट में ‘काफी बड़ी संख्या’ में म्यूटेशन हैं, जो बीमारी की लहरों का कारण बन सकता है.
भारत में नहीं मिला एक भी मरीज
दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोविड-19 के B.1.1.529 का भारत में अब तक कोई मरीज नहीं मिला है. समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. B.1.1.529 वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में कोविड के बढ़ते संक्रमण का कारण बन रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस के इस स्वरूप पर चर्चा करने के लिए विशेष बैठक बुलाई है.
[metaslider id="347522"]