रायपुर 25 नवंबर (वेदांत समाचार) प्रधानमंत्री मोदी द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद अब अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का कानून बनाने तथा बिजली कानून में संशोधन बिल को वापस लेने की मांग पर 26 नवम्बर को पूरे प्रदेश में किसानों द्वारा आंदोलन करने की जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि तीन किसान विरोधी कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद से किसानों के आंदोलन में जबरदस्त उत्साह पैदा हुआ है। 500 किसान संगठनों से मिलकर बने संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी किसान आंदोलन को और तेज करने की घोषणा कर दी है, ताकि अन्य लंबित मांगों पर भी बातचीत करने के लिए सरकार तैयार हो। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों को सामने रखते हुए बातचीत का प्रस्ताव भी रखा है, जिस पर केंद्र सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि 26 नवम्बर के देशव्यापी आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों के पुनर्वास और उन्हें मुआवजा देने, आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज फर्जी मामले वापस लेने और लखीमपुर खीरी में किसान हत्याकांड के सूत्रधार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर उसे गिरफ्तार करने की मांग भी शामिल है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन में अभी एक मोर्चा जीता गया है और जंग जीतनी बाकी है। इसलिए मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ देश की जनता की जंग जारी रहेगी। यह जंग देश की आजादी और आर्थिक संप्रभुता को बचाने की जंग है, जिसे यह सरकार अपने कॉर्पोरेट मालिकों को बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उद्योगों और उपक्रमों को बेचने के बाद यदि कृषि के क्षेत्र को भी कॉर्पोरेट कंपनियों को बेच दिया जाएगा, तो आम जनता के पास अपना कहने को कुछ नहीं बचेगा।
उन्होंने जानकारी दी कि 26 नवम्बर के आंदोलन में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठन भी शामिल होंगे और प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में किसान विरोध आंदोलन में शामिल होंगे।
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