1553 किमी जमीन नापते प्रभु जगन्नाथ के दर्शन करने निकले:मीणा ने कहा- स्व नहीं पर हित की भावना हो तो आसान हो जाती है राह

कोरबा – अपने अजूबे कारनामों से लोगों का ध्यान आकर्षित करने वालों की संख्या देश में अनगिनत होगी, लेकिन ऐसे लोग गिनती के ही होंगे, जिन्होंने अपने ही नहीं वरन पूरे विश्व कल्याण के लिए ऐसे कारनामे कर गुजरते हैं। ऐसे लोगों में राजस्थान के सवाई माधोपुर डिस्टिक में रहने वाले रामधन मीणा शामिल हैं।

उनका मानना है कि स्व हित नहीं पर हित के लिए किसी भी काम को करने का संकल्प लिया जाए तो उसे पूरा करने में कोई रुकावट नहीं आएगी। यही साबित करने वे राजस्थान से पुरी, उड़ीसा स्थित भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने निकल पड़े हैं। आर्थिक रूप से संपन्न रामधन चाहते तो हवाई यात्रा या फिर ट्रेन के माध्यम से कुछ ही घंटों व कुछ ही दिनों में यह दूरी तय कर भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा न कर संकल्प पूरा करने जमीन को लेटकर नापते हुए निकल पड़े हैं। सवाई माधोपुर से पुरी की दूरी 1553 किलोमीटर है। अब तक वे 964 किलोमीटर जमीन नापते हुए कोरबा पहुंचे हैं। यहां कुछ देर रुकने के बाद वे बुधवार आगे की यात्रा पूरी करने निकल गए।

जनसहयोग से करते हैं हम अपनी जरूरतें पूरी
रामधन के साथ पुरी की यात्रा पर उनके पुत्र पप्पूलाल मीणा भी जरूरी सामान लेकर साइकिल के साथ चल रहे हैं। पप्पू ने बताया कि सुबह जल्दी उठकर पिता जी के साथ आगे की यात्रा शुरू कर देते हैं, जहां शाम होती है, वहां अपना डेरा जमा लेते हैं। अधिकांश स्थानों पर उनके खाने-पीने के सामानों की व्यवस्था, जहां विश्राम करते हैं, वहां के लोगों से मिल जाती है, जहां ऐसा नहीं होता है, वे अपने साथ सामान लेकर चलते हैं, उसका उपयोग कर लेते हैं। इसी से सफर कट रहा है।

7 माह में 964 किमी की दूरी तय कर चुके हैं
रामधन मीणा की उम्र 65 वर्ष से अधिक है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 29 अप्रैल 2021 को अपनी यह यात्रा शुरू की थी। करीब 7 माह बाद कोरबा पहुंचे हैं। अभी उन्हें पूरी तक पहुंचने के लिए 589 किलोमीटर जमीन और नापनी है। उन्होंने कहा कि जैसे इतनी दूरी तय करने में कोई अवरोध नहीं हुआ, वैसे ही आगे की दूरी भी आसानी से नाप लेंगे, उन्हें अपने प्रभु पर पूरा विश्वास है। रास्तेे में कई परेशानियां आ रही हैं, लेकिन प्रभु की कृपा से सभी परेशानियों अपने आप ही खत्म होती जा रही हैं।