शिक्षकों को राहत, पदोन्नति के लिए अब तीन वर्ष का अनुभव

बिलासपुर 23 नवम्बर (वेदांत समाचार)।  राज्य सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत पांच वर्ष के अनुभव को घटाकर तीन वर्ष कर दिया है। बिलासपुर संभाग के 4690 शिक्षकों को अब पदोन्नति मिलेगी। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत पदोन्नति देने टीचर्स एसोसिएशन की थीम पर कैबिनेट की बैठक में निर्णय हुआ है।

सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है। 22 हजार प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक के पदों पर सहायक शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति मिलेगी। एसोसिएशन की ओर से सचिव से चर्चा कर पहले ही बता दिया गया था। इसी का परिणाम है कि सरकार ने शिक्षकों के हित में फैसला लिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने पांच मार्च 2019 को प्रकाशित छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक व प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती व पदोन्नति नियम 2019 के अनुसार पदोन्नति के शैक्षणिक अनुभव पांच वर्ष निर्धारित किया गया है,

जिसे आधार मानकर एल बी संवर्ग के शिक्षको की पदोन्नति नही किया जा रहा था, जबकि एल बी संवर्ग को 1998 से अब तक का शिक्षकीय अनुभव है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पदोन्नति नियम 2019 में उल्लेखित 5 वर्ष के शैक्षणिक अनुभव को वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत घटाकर तीन वर्ष करने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन व वित्त विभाग से सहमति पश्चात कैबिनेट में प्रस्ताव कर आदेश जारी करने की मांग छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने किया था।

इस निर्णय से रायपुर संभाग के 5072, बिलासपुर संभाग के 4690, दुर्ग संभाग के 4269, बस्तर संभाग के 3648, सरगुजा संभाग में 4032 के करीब शासकीय प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक पदों पर एल बी संवर्ग के सहायक शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ के शाला का ग्रेड अंक निम्नतम है, प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक के 22 हजार पद की पूर्ति किये जाने से राष्ट्रीय स्तर पर शाला के मानक ग्रेड अंक में सुधार होगा।

वर्तमान भर्ती व पदोन्नति नियम 2019 में भी प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से ही भरा जाना है, जिसमे सहायक शिक्षक एल बी संवर्ग की ही पदोन्नति होगी, क्योकि पूर्व के सहायक शिक्षक शेष नही है, जो है वे पात्र नही है या पदोन्नति में जाना नही चाहते है। विभाग में मिडिल स्कूल प्रधान पाठक के 06 हजार, व्याख्याता के 10 हजार, शिक्षक के 08 हजार व प्राचार्य के लगभग 2800 पद रिक्त है।

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