तस्करों ने वन अधिकारियों की टीम पर की गोलीबारी, आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस…

23 नवंबर (वेदांत समाचार)। असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर एक आरक्षित वन में पेड़ों की अवैध कटाई में शामिल तस्करों ने आज सुबह असम के वन अधिकारियों की एक टीम पर कथित तौर पर गोलीबारी की. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है. दोनों राज्यों की संयुक्त जांच से बदमाशों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है.फायरिंग उस वक्त हुई जब वन टीम असम के लखीमपुर जिले के रोंगा रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध गतिविधि को रोकने के लिए गई थी.

वहीं लखीमपुर के पुलिस अधीक्षक बीएम राजखोवा ने कहा, ‘हमें सुबह करीब 8:30 बजे घटना के बारे में जानकारी मिली. तस्करों ने असम वन टीम पर कथित तौर पर फायरिंग की. बदले में, वन अधिकारियों ने तस्करों पर भी गोलियां चलाईं, जिसके बाद वे भाग गए.’ उन्होंने कहा कि अभी इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि बदमाश असम के थे या पड़ोसी राज्य से. राजखोवा ने इस घटना के दोनों राज्यों के बीच किसी सीमा विवाद से संबंधित होने की संभावना से भी इनकार किया.

बदमाशों को पकड़ने के लिए जांच जारी

लखीमपुर के पुलिस अधीक्षक बीएम राजखोवा ने कहा, ‘वर्तमान में स्थिति सामान्य है और असम और अरुणाचल प्रदेश के वन और पुलिस विभागों की टीमें बदमाशों को पकड़ने के लिए इलाके में जांच कर रही हैं. स्थानीय ग्रामीण भी इसमें शामिल हो गए हैं.’शनिवार को असम के वन अधिकारियों की एक टीम को दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित रोंगा रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध रूप से बसने वालों ने हिरासत में लिया था. निवासी कथित तौर पर जंगल के अंदर सड़क बना रहे थे. बाद में असम पुलिस की एक टीम ने वन अधिकारियों को बचाया.

हाल ही में अरुणाचल प्रदेश  के देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान में वन विभाग (Forest department) के कर्मियों और लकड़ी के संदिग्ध तस्करों के बीच हुई गोलीबारी में एक हथिनी की मौत हो गई थी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एक खुफिया सूचना के मद्देनजर असम के डिब्रूगढ़ वन मंडल के जयपोर रेंज में हुकानजुरी और कथलगुरी बीट के वनकर्मी पार्क के बसबनला इलाके में रात्रि गश्त पर निकले थे. गश्त के दौरान उन्होंने पेड़ों की अवैध कटाई में व्यस्त लकड़ी के तस्करों के एक समूह को देखा. वनकर्मियों को देखने पर तस्करों ने तुरंत गोलीबारी शुरू कर दी.

अधिकारियों ने बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हुई और कुछ देर बाद तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. गश्त लगाने वाले वनकर्मियों के दल ने अगले दिन उस स्थल का दौरा किया, जहां यह गोलीबारी हुई थी. उन्हें वहां करीब 18 साल की एक हथिनी मृत पड़ी हुई मिली. इसके अलावा वनकर्मियों की टीम ने वहां से कटे हुए पेड़ों के टुकड़े भी बरामद किए.