221 लोगों को नहीं मिल पाया घर:हाउसिंग बोर्ड की अटल बिहार झगरहा काॅलोनी का काम बंद…

कोरबा 23 नवंबर (वेदांत समाचार)। हाउसिंग बोर्ड की अटल बिहार काॅलोनी झगरहा का काम कोविड महामारी के बाद से बंद है। स्थिति सामान्य होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। मकानों की बुकिंग कराने वाले लोगों को अब तक हैंडओवर हो जाना था, लेकिन काम बंद होने से संभव नहीं हो पाया है।

अनुबंध के अनुसार लोगों को 16 माह पहले ही मकान मिल जाने थे। अभी काम रुके होने से हैंडओवर में अभी भी कितना समय लगेगा यह विभाग भी नहीं बता पा रहा हा। अनुबंध के अनुसार आवासीय काॅलोनी दो साल में बन जानी थी। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने झगरहा आवासीय काॅलोनी में एचआईजी, एमआईजी, एलआईजी स्वतंत्र, एलआईजी फ्लैट, ईडब्ल्यूएस टाइप के 336 मकानों के लिए सितंबर 2017 में लोगों से बुकिंग राशि लिए गए थे। 18.93 एकड़ में बनने वाली कॉलोनी पर 40 करोड़ 95 लाख 79 हजार 864 रुपए खर्च का प्रावधान था। बुकिंग राशि लेने के बाद काॅलोनी निर्माण के लिए भूमिपूजन मार्च 2018 में किया गया, जिस पर काम मई 2018 में शुरू हुआ। अनुबंध के अनुसार मई 2020 में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाना था। काॅलोनी के मकान नहीं बनने से 4 साल पहले अपने घर की बुकिंग कराने वालों की परेशानी बढ़ती जा रही है।

बढ़ता जा रहा आर्थिक भार: हितग्राही
झगरहा प्रोजेक्ट में एमआईजी मकान की बुकिंग कराने वाले राजेन्द्र राठौर ने कहा हाउसिंग बोर्ड ने उनसे मकान की 80 फीसदी राशि वसूल ली है। दो साल में मकान मिल जाएगा सोच कर बुकिंग कराई थी। विलंब होने से किराए के घर में रहने पर आर्थिक भार पड़ रहा है। अभी भी विभाग नहीं बता पा रहा है कि उनका मकान कब मिलेगा। ऐसे में उन्हें किराए के रूप में अधिक राशि देनी पड़ रही है।

काम पूरा करने एजेंसी को कहा गया है: ईई
हाउसिंग बोर्ड कोरबा संभाग के ईई एलपी बंजारे ने बताया कि अटल बिहारी आवासीय प्रोजेक्ट में काफी विलंब हो गया है। अभी काम भी काफी धीमी गति से चल रहा है, जिसके कारण हितग्राहियों को समय पर मकान नहीं दे पा रहे हैं। निर्माण एजेंसी को प्रोजेक्ट पूरा करने कहा जा रहा है, ताकि काॅलोनी में मकानों की बुकिंग कराने वालों को मकान दे सकें।

14 मई 2020 को मिल जाना था मकान
गृह निर्माण मंडल के कार्यादेश पर निर्माण एजेंसी डीबी प्रोजेक्ट लिमिटेड ने 14 मई 2018 को अनुबंध किया था, जिसके अनुसार 24 माह बाद 14 मई 2020 को प्रोजेक्ट पूरा करते हुए हितग्राहियों को मकान देना था। पूर्णता अवधि बीतने के 2 माह पहले कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी, जिससे काम रुक गया। ऐसे कामों को शुरू करने प्रशासन ने अनुमति काफी पहले दे दी थी। फिर भी काॅलोनी नहीं बनी।

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