कृषि कानून वापस लेने के विधेयकों को बुधवार को मिल सकती है मंजूरी, इसके बाद संसद में पेश किया जाएगा बिल..

केंद्रीय मंत्रिमंडल तीन कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को वापस लेने के विधेयकों को बुधवार को मंजूरी दे सकता है. सरकार के नजदीकी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि कानूनों को निरस्त करने वाले बिल को मंजूरी मिलने के बाद इन्हें संसद के आगामी सत्र (Parliament Session) में पेश किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को गुरु पर्व के मौके पर राष्ट्रहित में कानूनों को वापस लेने की सरकार की मंशा की घोषणा की थी.

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे संसद द्वारा कानून निरस्त किए जाने तक प्रदर्शन स्थल पर डटे रहेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद अब सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद में विधेयक पेश करेगी.

किसान पिछले एक साल से कर रहे कृषि कानूनों का विरोध

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी. इस समिति में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री होंगे. केंद्र द्वारा 2020 में कृषि कानून पारित किए जाने के बाद से किसान लगातार इन तीनों कानूनों का विरोध (Farmer Protest) कर रहे थे.

केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद रविवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि अभी सिर्फ एक मुद्दा कम हुआ है. उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमे और आंदोलन के दौरान हुई उनकी मौत भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं.

एमएसपी पर खरीद को लेकर कानून बनाने की मांग

वहीं, प्रगतिशील किसान मंच के अध्यक्ष सत्यवीर डागर ने कहा कि सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना, इस देश के किसानों की जीत है. लेकिन केंद्र सरकार को यह भी याद रखना होगा कि इन तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ-साथ भारत के किसानों ने एमएसपी (MSP) पर उनकी फसल की खरीद की मांग को लेकर भी शहादत दी है. इस देश का किसान अपने किसी साथी की शहादत को बेकार नहीं जाने देगा.