कंगना रनौत के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत..

21 नवंबर (वेदांत समाचार)। कंगना रनौत के देश की आजादी पर दिए विवादित बयान का मामला अभी चल ही रह है. आये दिनों कोई न कोई कंगना के बयान पर उनकी आलोचना करता रहता है. वहीं तीनों कृषि कानून की वापसी के बाद कंगना भड़की नजर आ रही हैं और कुछ न कुछ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं. इए वजह से इन बार उनके खिलाफ एक और पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है जो कंगना की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.

सिख समुदाय के अपमान का है आरोप

कंगना के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. ये शिकायत कंगना द्वारा इंस्टाग्राम पर सिख समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर दर्ज कराई गई है. समिति के जारी बयान के मुताबिक, कंगना के खिलाफ ये शिकायत मंदिर मार्ग थाने में साइबर प्रकोष्ठ में दर्ज हुई है. समिति के लोगों का कहना है कि कंगना ने पहले जानबूझकर किसान के आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन बताया है और उसके बाद उन्होंने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने कहा,” सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर वह पोस्ट तैयार किया और आपराधिक मंशा से उसे शेयर किया गया. इसलिए हम आपसे प्राथमिकता के आधार पर इस शिकायत पर संज्ञान लेने और प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कड़ी कानूनी कार्यवाही करने का अनुरोध करते हैं.”

तीनों कृषि कानून वापस लेने के बाद भड़की हैं कंगना

आपको बता दें, कंगना रनौत ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के बाद के सारे पोस्ट किए. जिसमें कंगना बहुत भड़की हूं नजर आईं थीं. उन्होंने उन पोस्ट्स में कई विवादित बातें भी लिखी थीं. इसके पहले कंगना ‘आजादी भीख में मिली’ वाले बयान की वजह से विवादों में हैं. उनपर के सारे केस चल रहे हैं. उनकी हर जगह आलोचना हो रही है.

‘भीख’ वाले बयान की वजह से अभी भी मुश्किलों में घिरी हैं कंगना

कंगना रनौत ने टाइम नाउ समिट 2021 में कहा था कि हमें भीख में आजादी मिली है. अंग्रेजों ने हमें भूखा छोड़ दिया, हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं थे. उन्होंने आगे कहा था कि आजादी अगर भीख में मिले तो क्या वो आजादी है? हमें असली आजादी 2014 में मिली. जिसके बाद से काफी विवाद हुआ है. कई जगह तो उन पर एफआईआर भी कर दिया गया है. कई पॉलिटिकल पार्टीज का कहना है कि उनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए.

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