कोरबा 19 नवम्बर (वेदांत समाचार)। आयुक्त कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में नगर निगम कोरबा द्वारा नवाचार अपनाते हुए पहली बार प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग कर सड़क का निर्माण किया गया है। शहर की आवासीय कालोनी डॉ.राजेन्द्र प्रसादनगर में लगभग 800 मीटर प्लास्टिक वेस्ट बेस सड़क का निर्माण किया गया है, इससे एक ओर जहां प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन की समस्या समाप्त होगी, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण, स्वास्थ्य व सफाई व्यवस्था पर पड़ने वाले प्लास्टिक के घातक प्रभावां से बचा जा सकेगा।
प्लास्टिक अपशिष्ट का समापन एक बड़ी समस्या है, प्लास्टिक का उपयोग जहां एक ओर पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, वहीं दूसरी ओर मवेशियों, जीव-जंन्तुओं के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ साफ-सफाई व्यवस्था पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव डालता है। नगर पालिक निगम कोरबा में प्रतिदिन लगभग 02 से 03 टन प्लास्टिक अपशिष्ट का उत्सर्जन होता है, जिसका समापन एक बड़ी समस्या है। आयुक्त कुलदीप शर्मा ने प्लास्टिक अपशिष्ट की इस समस्या के गंभीरता से लेते हुए सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग कर अपशिष्ट प्रबंधन के महत्वपूर्ण विकल्प के संबंध में अधिकारियों का निरंतर मार्गदर्शन करते हुए प्लास्टिक वेस्ट बेस सड़क निर्माण के निर्देश दिए थे। स्याहीमुड़ी दर्री स्थित सीपेट संस्थान के तकनीकी अधिकारियों के सहयोग से निगम द्वारा इस विकल्प पर कार्य करते हुए प्लास्टिक अपशिष्ट से सड़क निर्माण का कार्य कराया गया है, निगम के कार्यपालन अभियंता व जोन कमिश्नर आर.के.चौबे ने बताया कि डॉ.राजेन्द्र प्रसाद नगर स्थित पोस्ट आफिस के सामने प्लास्टिक अपशिष्ट मिश्रित लगभग 800 मीटर लंबी एवं 3.4 मीटर चौडी सड़क का निर्माण निगम द्वारा किया गया है। सीपेट के अधिकारियां ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट बेस मिश्रित सड़क अधिक मजबूत होती है तथा इसमें ज्यादा टिकाऊपन रहता है।
हाट मिक्स प्लांट पहुंचकर अधिकारियों ने दिया तकनीकी प्रशिक्षण
आयुक्त कुलदीप शर्मा के निर्देश पर सीपेट के सीनियर टेक्नीकल आफिसर मनोज राजपूत, तकनीकी अधिकारी अक्षय खटोड, जोन कमिश्नर आर.के.चौबे, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संजय तिवारी व सहायक अभियंता प्रकाश चन्द्रा इसके पूर्व बरबसपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम कुरूडीह स्थित हाट मिक्स प्लांट पहुंचे, जहॉं पर सड़क डामरीकरण हेतु डामर व गिट्टी की मिक्सिंग होती है। सीपेट के अधिकारियों ने इस मिक्चर में प्लास्टिक बुरादे की मिक्सिंग के तकनीकी पहलुओं एवं प्लास्टिक अपशिष्ट के अनुपात की जानकारी देते हुए मिक्सिंग का सूक्ष्म प्रशिक्षण उक्त प्लांट संचालक एवं उनके कामगारों को दिया।
प्लास्टिक अपशिष्ट का पहले बनता है, बुरादा
निगम के स्वच्छता मित्रों द्वारा डोर-टू-डोर अपशिष्ट संग्रहण की व्यवस्था के माध्यम से शहर का कचरा घर-घर जाकर संग्रहित किया जाता है, एस.एल.आर.एम.सेंटरों में इस कचरे से प्लास्टिक अपशिष्ट को पृथक कर उसकी धुलाई-सफाई की जाती है, तत्पश्चात स्याहीमुड़ी स्थित सीपेट संस्थान में प्लास्टिक अपशिष्ट का बुरादा तैयार होता है, जिसे डामर हाट मिक्स प्लांट में लाकर उसकी निश्चित मात्रा में मिक्सिंग की जाती है। डामर, छोटी गिट्टी तथा प्लास्टिक बुरादे का यह मिक्चर सड़क निर्माण में उपयोग किया जाता है।
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