कैप्टन अमरिंदर बोले- PM मोदी ने माफी मांगी, कानून भी वापस ले लिए, अब आंदोलन जारी रखने का क्या फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आज शुक्रवार को तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद किसान संगठन खुश हैं तो कई राजनीतिक दलों की मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर दिया गया है ऐसे में आंदोलन जारी रखने का क्या महत्व रह गया है.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से जब पूछा गया कि अगर उनकी पार्टी बीजेपी के साथ जाएगी तो उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं तीन महीने से कह रहा था. मैंने कहा था कि किसानों का मुद्दा पहले आता है, उसके बाद ही हम आपके साथ सीट एडजस्टमेंट करेंगे.’

पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि हर क्षेत्र की अपनी खेती होती है. एपीएमसी एक्ट जैसे कानून केवल पंजाब और शायद हरियाणा में लागू थे. अन्य राज्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. पंजाब ने सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया व्यक्त की क्योंकि इससे राज्य पर अधिक असर पड़ता. इसलिए, उन्होंने कानूनों को निरस्त कर दिया.

अब आंदोलन करने से क्या फायदा: अमरिंदर सिंह

कृषि कानूनों को वापसे लेने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मांगी गई माफी और किसानों की ओर से आंदोलन जारी रखने के फैसले पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने माफी मांग ली है. अब सवाल यह है कि सदन की बैठक कब होगी. अब से करीब 10 दिन बाद 29 नवंबर को इसकी बैठक होने वाली है तब विधेयक लाया जाएगा और कानून निरस्त किए जाएंगे. बात यहीं पर खत्म हो जाएगी, ऐसे अब बैठने का क्या फायदा.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के अवसर पर तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय लिया और किसानों से माफी भी मांग ली. इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, ‘मैं इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रगुजार हूं. इससे ज्यादा कोई भी कुछ नहीं कर सकता था.

गुरुपर्व के अवसर पर आज शुक्रवार सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान कर सभी को चौंका दिया.

अभी खत्म नहीं होगा आंदोलनः राकेश टिकैत

माना जा रहा था कि कानून वापस लिए जाने के बाद किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे और प्रदर्शन स्थलों से अपने घरों की ओर लौट जाएंगे, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने इन सब अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून संसद में वापस नहीं होते हैं तब तक किसान नहीं जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी पहले संसद में जाएं और जो भी कार्यवाही है (कृषि कानून वापस लेने की) उसको पूरा करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.’

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