‘साजिश के तहत मारा गया मेरा बेटा’, आतंकी के स्थानीय सहयोगी के पिता का आरोप…

18 नवंबर (वेदांत समाचार)। हैदरपोरा एनकाउंटर के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी के एक स्थानीय सहयोगी मोहम्मद आमिर माग्रे के परिवार ने बुधवार को उसकी मौत की गहन जांच की मांग की. इसके साथ ही परिवार ने रामबन जिले के गूल इलाके में अपने पैतृक कब्रिस्तान में उसे दफनाने की भी गुहार लगाई. उसके पिता मोहम्मद लतीफ माग्रे ने कहा कि हम सच्चे भारतीय हैं, मेरा बेटा कभी भी आतंकी बनने के बारे में सोच नहीं सकता था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिता ने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से न्याय दिलाने की अपील करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं एक भारतीय हूं, मुझे आतंकी के खिलाफ मेरी लड़ाई के लिए सम्मानित किया गया था. मैंने अपने सीने पर गोलियां खाई हैं, लेकिन मेरे बेटे को आतंकवादी घोषित कर दिया गया, ये पूरी तरह से झूठ है.

सजिश के तहत मारा गया मेरा बेटा

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उसे एक साजिश के तहत मारा गया है. वह मेरे जैसा ही एक राष्ट्रवादी देशभक्त था. आमिर के पिता ने कहा कि हमें हमारे आतंकवाद के खिलाफ काम करने के लिए 15 साल के लिए सुरक्षा दी गई थी. मेरा बेटा श्रीनगर में मजदूरी करने गया था, लेकिन गलत सोर्स से पैसा लेने के लिए उसे आतंकवादी करार दे दिया गया, इसलिए मैं इसकी जांच चाहता हूं. मैं अधिकारियों से मेरे बेटे के शव को भी सौंपने की अपील करता हूं. आमिर की बड़ी बहन मोमिना बेगम ने कहा कि मेरा छोटा भाई हैदरपोरा के एक ऑफिस में काम करता था, जहां वह चाय बनाता था. हम साथ रहते थे, अगर वह आतंकी होता तो मैं उसे कभी अपने साथ नहीं रखती.

एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू

रामबन के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट हरबंस लाल शर्मा ने बुधवार को अगले आदेश तक गूल उपखंड के फैमरोटे, संगलदान और सेरीपुरा क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है. उन्होंने कहा, “किसी भी संभावित कानून और व्यवस्था की गड़बड़ी को रोकने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में ये कदम उठाया गया है. वहीं दूसरी दो कश्मीर पंडित समूहों ने मारे गए आम नागरिकों के परिवारों का समर्थन किया है

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