10वीं-12वीं के छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, ऑनलाइन परीक्षा कराने की याचिका खारिज

शैक्षणिक सत्र 2021-22 की परिक्षाओं को ऑनलाइन कराने की जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गयी थी उसे खरिज कर दिया गया है। बता दें कि यह याचिका CBSE, ICSE, ISC बोर्ड की टर्म-1 की परीक्षा को ऑनलाइन कराने के लिए किया गया था। लेकिन अब याचिका खारिज होने के बाद टर्म 1 बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन मोड पर ही जारी रहेंगी।

एडवोकेट संजय हेगड़े ने इस मामले की पैरवी की। उन्होंने SC में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। यदि परिक्षाएं ऑफलाईन ली जाएं तो संक्रमण फैल सकता है। इससे दसवीं और बारहवीं के 34 लाख छात्रों को खतरा है। इसलिए परीक्षा ऑनलाइन ही ली जाएँ।

इसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इसपर सफाई देते हुए कहा कि टर्म 1 परीक्षाएं 16 नवंबर से ही शुरू हो चुकी हैं। जिसका आयोजन COVID के नियमों के तहट ही किया जा रहा है। पहले 40 छात्र एक कक्षा में बैठकर परीक्षा देते थे लेकिन अब हर कक्षा में केवल 12 छात्र ही परीक्षा देंगे। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग पालन हो सके। परीक्षा केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाकर 15,000 कर दिया गया है। साथ ही परीक्षा की समयावधी भी तीन घंटे से ​​घटाकर अब 90 मिनट कर दिया गया है।

आगे उन्होंने कहा कि 15,000 परीक्षा केंद्रों में परीक्षाएं चालू हो गई हैं और ऑफलाइन मोड में चल रही हैं। अब अचानक इन्‍हें ऑनलाइन नहीं किया जा सकता। अंतिम समय में परीक्षा में ऐसा कोई व्यावधान डालना छात्रों को हतोत्‍साहित करना होगा और शिक्षा प्रणाली के साथ भी खिलवाड़ होगा। इसलिए बीच में हस्तक्षेप करना और पूरी परीक्षा प्रक्रिया को रोकना सहीं नहीं होगा।

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