धमतरी 17 नवंबर (वेदांत समाचार)। धमतरी जिले की अन्य प्रजाति की लकड़ी को हिमाचल प्रदेश की कत्था फैक्ट्री में पहुंचने की शिकायत और यहां से भारी मात्रा में खैर लकड़ी की खेप भेजे जाने संबंधी आरोप गत अप्रैल माह में लगाया गया था। इसकी पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए खैर, तेन्दू एवं शीशु की लकड़ी का अलग से टीपी जारी करने का आदेश मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त द्वारा दिया गया। यह भी आदेश दिया गया कि टीपी में लकड़ी किस संस्थान या व्यक्ति के पास जा रहा और मार्ग के रूट की जानकारी का उल्लेख किया जाए। इस पर व्यवसायियों ने मांग की कि ये निर्देश वापस लिए जाएं। उक्त निर्देश के खिलाफ उन्होंने नगरी एवं धमतरी दोनों के नीलाम छत्तीसगढ़ टिम्बर व्यापारी संघ द्वारा बहिष्कृत किया गया। इस संबंध में वन मण्डलाधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदारने बताया कि ऑन रिकॉर्ड वीडियो में उनसे यह भी कहा गया कि सारे सामान का जो पिछले ग्यारह महीने में सत्यापन के बाद टीपी जारी किया जा रहा है, इससे उनका समय नष्ट हो रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जो हेमरिंग सुनिश्चित करते हुए फोटो ली जा रही है, उसमें भी टिम्बर व्यवसायियों ने आपत्ति जताई है, जबकि वनों की अवैध कटाई, परिवहन रोकने के लिए ये तीनों कदम उठाना अत्यंत जरूरी है। इसलिए इनको रोकने के लिए मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त के निर्देशानुसार वन मण्डलाधिकारी ने वनहित में सहमति नहीं दी। इसलिए व्यापारी संघ द्वारा दोनों नीलाम का बहिष्कार किया गया।
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