17 नवंबर (वेदांत समाचार)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ ही संबंधित राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई. शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं. कोर्ट में आज केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से हलफनामा दिया गया है. इसी बीच हरियाणा सरकार ने कहा कि आयोग की तरफ से जो भी सुझाव दिया गया था उसे लागू किया गया. हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि आगे जो भी आदेश दिया गया उसका पालन किया जाएगा. पराली के मुद्दे पर कहा गया कि मुख्य सचिव और जिलाधिकारियों का जायजा लिया जा रहा है, ताकि इन 2 हफ्तों में पराली न जलाई जा सके.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा पराली के मुद्दे पर आपके हलफ़नामे में कुछ भी नहीं कहा गया है.पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि हम दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आते हैं. इसके जवाब में कोर्ट ने कहा, तो आप पर कुछ भी लागू नहीं होता? नहीं, हमने अपनी तरफ से काफी उपाय किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पराली की मशीनों के बारे में भी सवाल किया. उन्होंने कहा, पराली को डी कम्पोज़ करने की कितनी मशीन खरीदी आपने? जिसके जवाब में पंजाब सरकार ने बताया कि 76 हज़ार मशीन खरीदी गई हैं.
‘केंद्र सरकार जारी करें फण्ड’
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि मशीनों का खर्चा कौन व्यय करता है. पंजाब सरकार ने बताया कि 80 प्रतिशत केंद्र और 20 प्रतिशत ग्राम पंचायत उठाती है. पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से फण्ड जारी करने की मांग की.सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहने पर अनिच्छा जताई है. केंद्र ने कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को आने-जाने के लिए कारपूलिंग की सलाह दी है. इससे उनकी तरफ से उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी.
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयोग ने सभी एनसीआर के राज्यों को सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया है. इस दौरान ऑनलाइन मोड के माध्यम से कक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया.सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इमरजेंसी मीटिंग में मौसम वैज्ञानिक भी थे. उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 21 नवंबर के बाद हवा का प्रवाह होगा. उन्होंने कहा कि क्या यह अदालत कठोर उपायों को लागू करने से पहले 21 नवंबर तक प्रतीक्षा करने पर विचार नहीं करेगी.
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