महाराष्ट्र 17 नवंबर (वेदांत समाचार)। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ CBI ने ऐतिहासिक कार्रावाई की है. सीबीआई की यह कार्रवाई आज (17 नवंबर, बुधवार) शुरू रहने वाली है. सीबीआई ने देश भर के 77 ठिकानों पर छापेमारियां की हैं. ऑनलाइन बाल लैंगिक शोषण के मामले में की गई इन कार्रवाइयों में 83 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. देश के 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इन छापेमारियों को अंजाम दिया गया है. छापेमारी की यह कार्रवाई महाराष्ट्र के भी कई ठिकानों पर की गई है. इन छापेमारियों में सीबीआई ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं. जिन आरोपियों पर कार्रवाइयां की गई हैं, उनके संबंध दुनिया के 100 देशों के लोगों से बताए जा रहे हैं. जांच में अब तक 50 से भी अधिक ऐसे ग्रुप का पता लगा है, जो इन कार्रवाइयों में लिप्त हैं.
सीबीआई फिलहाल पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने का काम कर रही है. पुख्ता सबूत मिलने के बाद इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. इस मामले में कई विदेशी लोगों के शामिल होने की वजह से उन पर कार्रवाई करने के लिए सीबीआई इंटरपोल की मदद ले रही है. इस तरह संबंधित देशों के ऐसे लोगों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है जो इस पूरे रैकेट में शामिल हैं.
महाराष्ट्र के जलगांव, धुले और सलवड में मारे गए छापे
इन कार्रवाइयों के तहत सीबीआई ने महाराष्ट्र के भी कई ठिकानों पर छापे मारे. महाराष्ट्र के जलगांव, धुले और पालघर जिले के सलवड में छापे मारे गए हैं. इन अलग-अलग ठिकानों पर हुई कार्रवाई में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के जालौन, मऊ, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, नोएडा, झांसी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर में छापे मारे गए हैं. महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात के जूनागढ़, भावनगर, जामनगर में भी छापेमारियां की गई हैं.
साइबर पोर्नोग्राफी के सबसे ज्यादा मामले यूपी में, महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर
2020 के NCRB के डेटा के मुताबिक बच्चों के खिलाफ साइबर पोर्नोग्राफी के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में पाए गए हैं. यहां 161 मामले दर्ज किए गए हैं. महाराष्ट्र इस मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां 123 मामले दर्ज किए गए. चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यााधीश यू.मूर्ति ने अलर्ट किया था. उन्होंने एक सेमिनार में कहा था कि सिर्फ छोटे बच्चों की तस्करी और उनका शोषण ही नहीं बल्कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है और इसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करना जरूरी है.
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