देश के सबसे ज्यादा एक्‍सप्रेस-वे वाला राज्य बना यूपी, 2024 तक 4 और मिलेंगे..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वेको आज उत्तर प्रदेश की जनता को समर्पित कर देंगे जिसके बाद यूपी सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन जाएगा. अब तीन बड़े एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे व पूर्वांचल एक्सप्रेस वे यूपी की शान बढ़ाते हुए इसके एक छोर को दूसरे छोर यानी गाजीपुर से नोएडा तक सीधे जोड़ रहे हैं. इसके जरिए अब जनता के लिए सफर बेहद आसान, आरामदेह और कम वक्त में हो जाएगा. अब आने वाले समय में एक्सप्रेस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व बलिया लिंक एक्सप्रेसवे भी यूपी में बनकर तैयार हो रहे हैं और सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजना 2024 तक पूरी किए जाने की तैयारी चल रही है.

यूपी के लोगों को आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिल रहा है. करीब 341 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा. एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय से शुरू होगा और गाजीपुर तक पहुंचेगा. इसे बनाने में 22 हजार 497 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. ये एक्सप्रेस-वे 9 जिलों लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर निकलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2018 में आजमगढ़ से इसकी आधारशिला रखी थी.

कौन से हैं 4 नए एक्सप्रेस वे?

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (341 किमी)
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे गाजीपुर से शुरू होकर लखनऊ तक का सफर केवल चार से साढ़े चार घंटे में पूरा करा देगा. इसके बाद लखनऊ से आगरा का सफर आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के जरिए पूरा होगा. यहीं से यमुना एक्सप्रेस पर चल कर सीधे नोएडा दिल्ली तक पहुंचा जा सकेगा. एक्सप्रेसवे पर सौ किमी की स्पीड पर वाहन चल सकेंगे. इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज और 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय गांव से शुरू होगा जो गाजीपुर में NH-31 पर स्थित हैदरिया गांव पर खत्म होगा. ये गांव यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किलोमीटर पहले पड़ता है. ये एक्सप्रेस-वे अभी 6 लेन का बनाया गया है, जिसे भविष्य में 8 लेन भी किया जा सकता है. दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे. यूपी सरकार के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में इसका काम शुरू हुआ था और तीन साल में इसे पूरा कर लिया गया.

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस (90 किमी)
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण गोरखपुर आजमगढ़ के बीच तेजी से चल रहा है. इसकी सौगात भी अगले साल मिल जाएगी. गोरखपुर से सीधे कनेक्टिविटी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर मिल जाएगी

.

गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी)
देश का सबसे लंबा माने जाने वाला गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक बनने जा रहा है. इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने करेंगे. इसके 95 प्रतिशत से ज्यादा जमीन खरीदी जा चुकी है.

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे
चित्रकूट से इटावा तक बन रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेस का काम तेजी से चल रहा है. इसका अगले महीने उद्घाटन कर एक लेन जनता के लिए खोल दी जाएगी. जबकि अगले साल जनवरी तक पूरा एक्सप्रेसवे खुल जाएगा. मध्यप्रदेश व बुंदेलखंड से आने वाले इसके जरिए इटावा के बाद आगरा एक्सप्रेस पर आकर दिल्ली तक जा सकेंगे.

क्या है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खासियत

एक अनुमान के मुताबिक, 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा. इस एक्सप्रेस-वे से सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा. लेकिन बाद में टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा. माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे की दरों के आसपास ही रखी जाएगी.

1. गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे.
2. राजधानी से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी.
3. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से खेती-किसानी के लिए कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे.
4. सब्जी और दुग्ध व्यवसाय को एक्सप्रेस वे से फायदा होगा.
5. गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है.
6. फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
7. वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है.

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर इन बातों का ख्याल रखें

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनकर तो तैयार हो गया है और इस पर आज से ही आवाजाही शुरू हो जाएगी लेकिन अभी भी कुछ सुविधाएं यहां नहीं हैं. 341 किलोमीटर के सफर में ना तो रास्ते में पेट्रोल मिलेगा ना ही टॉयलेट और अगर गाड़ी खराब हुई तो गैराज भी नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं, खाने-पीने की भी व्यवस्था अभी नहीं हुई है. हालांकि, सरकार का कहना है कि इनके इंतजाम किए जा रहे हैं. UPEIDA का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर 8 जगहों पर फ्यूल पंप और 4 जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाने हैं.