नईदिल्ली । पावर प्लांट, उद्योगों और घरों में कोयला जलाने की वजह से भारत में समय पूर्व मृत्यु की दर में बढ़ोतरी हुई है। यह दावा ‘दि लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज’ नामक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में दी गईं नीतिगत सिफारिशों में कहा गया है कि ऊर्जा के मुख्य स्रोत के रूप में कोयले का इस्तेमाल करने से बचने और नवीकरणीय व साफ स्रोतों में अधिक निवेश करने की जरूरत है। इसके साथ ही भारत में नकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों के लिए वायु प्रदूषण को एक मुख्य निर्धारक बताया गया है।
पावर प्लांट प्रदूषण मौतों की सबसे बड़ी वजह
आईसीएमआर ने भारत में क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण को कम करने के लिए इस रिपोर्ट के आधार पर लैंसेट के साथ मिलकर नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2015 से 2019 के बीच कोयले से होने वाले प्रदूषण की वजह से होने वाली मौतों में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आईसीएमआर ने द लैंसेट की रिपोर्ट के आधार पर यह सिफारिश की है कि भारत को कोयले से ईंधन बनाने पर निर्भरता कम करनी होगी तब ही वायु प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज पर लगाम लग सकती है। दूसरे नंबर पर औद्योगिक पोलूशन, तीसरे नंबर पर वाहनों से निकलने वाला धुआं और आखिरी में जानवरों से होने वाला प्रदूषण है भारत में असमय मौतों की वजह है I
इस रिपोर्ट की सिफारिशों में कहा गया है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक नियामकीय फ्रेमवर्क तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है। वायु प्रदूषण का कारण बनने वाले औद्योगिक उत्सर्जनों, निर्माण स्थलों, वाहनों से निकलने वाले धुंए आदि के लिए नियम बनाने की जरूरत है। रिपोर्ट में यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया कि ये नियामकीय मानक प्रभावी रूप से लागू किए जाएं ताकि खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आ सके और पर्यावरण की स्थिति सुधारी जा सके।
रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि साल 2015 की तुलना में साल 2019 में कोयले से निकलने वाले पीएम2.5 से संबंधित मौतों की संख्या में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि जलवायु परिवर्तन किस तरह स्वास्थ्य पर असर डालता है और इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए समय रहते मजबूत प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। इन मुद्दों पर 2021 में भारत के लिए पॉलिसी ब्रीफ को बढ़ाने के लिए आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने लैंसेट काउंटडाउन के साथ साझेदारी की है।
अप्रैल-सितंबर में 12.6 फीसदी बढ़ा कोयला आयात
देश का कोयला आयात चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह (अप्रैल-सितंबर) के दौरान 12.6 फीसदी बढ़कर 10.73 करोड़ टन पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में कोयला आयात 9.53 करोड़ टन रहा था। टाटा स्टील और सेल के संयुक्त उद्यम एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। यह एक बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी है जो कोयले पर शोध रिपोर्ट भी प्रकाशित करती है। हालांकि, सितंबर में कोयला आयात घटकर 1.48 करोड़ टन (21.97 फीसदी की गिरावट) रह गया था।
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