‘कोई नहीं है टक्कर में, इतना जहर है मच्छर में’ इंसानों की मौत का ये आंकड़ा साबित करता है पूरी सच्चाई..

अगर आपसे पूछा जाए क‍ि सांप और मच्‍छर में से कौन ज्‍यादा जानलेवा है, जो आपका जवाब होगा सांप, लेकिन विज्ञान और आंकड़ो के नजरिए से देखें तो आपका जवाब गलत है. यानी मच्‍छर ज्‍यादा जानलेवा है. आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं.

नेशनल जियोग्राफिक की एक रिपोर्ट कहती है, दुनियाभर में सांपों की 3 हजार से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से मात्र 7 फीसदी ही ऐसी होती हैं जो जिनका जहर जानलेवा होता है. 

अगर मच्‍छरों की बात करें तो यह जीका, डेंगू और मलेरिया जैसी कई तरह की बीमारियां फैलाकर लोगों की जान लेता है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) का कहना है, मच्‍छरों से होने वाली बीमारी का सबसे ज्‍यादा खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्‍चों में रहता है.

मच्‍छर सांप से ज्‍यादा जानलेवा क्‍यों‍ है, इन  3फैक्‍ट्स से समझिए….

1- सबसे ज्‍यादा मौतें और सबसे ज्‍यादा बीमारियां मच्‍छर से फैल रहीं

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की रिपोर्ट कहती है, हर साल करीब 1.38 लाख लोगों की मौत सांप के काटने से होती है. जहरीले सांप के काटने से कई तरह की दिक्‍कतें बढ़ती हैं, जैसे- सांस लेने में परेशानी होना, ब्‍लीडिंग डिस्‍ऑर्डर, किडनी का फेल हो जाना या पैरों का काम न करना. इसके सबसे ज्‍यादा मामले किसानों और बच्‍चों में सामने आते हैं.

वर्ल्‍ड मॉस्‍क्‍यूटो प्रोग्राम के मुताबिक, हर साल 70 करोड़ लोग मच्‍छरों से फैलने वाली बीमारी से जूझते हैं. इनमें से 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. 

2- सबसे ज्‍यादा बीमारियां मच्‍छर से

WHO के मुता‍बिक, मच्‍छरों से मरने और बीमार होने वालों की तादात अधिक होने की एक वजह भी है. एक मच्‍छर कई तरह की बीमारियों को फैलाता है. जैसे- जीका, मलेरिया, यलो फीवर, चिकनगुनिया, डेंगू. वहीं, सांप के जरिए बीमारी फैलने का खतरा नहीं रहता. हां, इसके असर से मरीज लम्‍बे तक परेशान जरूर हो सकता है. 

दुनियाभर में मच्‍छर से फैलने वाली बीमारियों से निपटने के लिए प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं, लेकिन इनमें कोई भी बीमारी को पूरी तरह रोका नहीं जा सका है.  हालांकि कई देश खुद को मलेरियामुक्‍त घो‍षित कर चुके हैं. चीन ने खुद को इसी साल मलेरियामुक्‍त घोषित किया है और पिछले 4 साल से यहां मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

3- मच्‍छर और सांप इंसान को क्‍यों काटते हैं?

अमेरिका के नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ की एक रिपोर्ट कहती है, सांप इंसान को तब तक नहीं काटते जब तक वो इंसान से खतरा नहीं महसूस करते. घटते जंगल, इंसानों की बढ़ती एक्टिविटी और जलवायु परिवर्तन के कारण सांप अपने प्राकृतिक वास से बाहर आ रहे हैं. इस तरह इंसानों के लिए खतरा बढ़ रहा है.

अब तक हुईं कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है क‍ि इंसान में बीमारी  फैलाने और खून पीने का काम मादा मच्‍छर करती है. मादा मच्‍छरों के इंसान को काटने की भी एक बड़ी वजह है. मादा मच्‍छरों को शरीर में अंडे बनाने के लिए पोषक तत्‍वों की जरूरत होती है, इसलिए वह इंसानों को काटने के बाद उड़ जाती है. वहीं, नर मच्‍छर फूलों के पराग से अपनी भूख मिटाते हैं और इंसान के इर्द-गिर्द  भ‍िनभिनाते रहते हैं.

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