नई दिल्ली,08मार्च 2025 :दुनिया आज ‘अंतराष्ट्रीय महिला दिवस’ मना रही है. महिलाओं के लिए एक आदर्श दुनिया कैसी हो, इस बारे में उद्योगपति गौतम अडानी का अपना एक सपना है. आज के दिन उन्होंने अपने इस सपने को शेयर किया. पढ़ें ये खबर…
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उद्योगपति गौतम अडानी ने अपने एक सपने के बारे में खुलकर बताया. उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए एक आदर्श दुनिया कैसी होनी चाहिए, जहां उनकी क्षमताओं का अच्छे से इस्तेमाल किया जा सके. इस मौके पर उन्होंने एक मार्मिक पोस्ट भी लिखा.
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर करते हुए, उन महिलाओं का जिक्र किया जिन्होंने उनकी जिंदगी को आकार दिया. इस पोस्ट को उन्होंने ‘बनासकांठा से बोर्डरूम तक: जिन महिलाओं ने मेरी दुनिया को आकार दिया’ टाइटल दिया है. इस पोस्ट के बहाने उन्होंने महिलाओं के लिए दुनिया कैसी हो, इस बात को भी रेखांकित किया है.
गौतम अडानी की दुनिया बनाने वाली महिलाएं
गौतम अडानी ने अपने पोस्ट में अपनी 3 पोतियों के लिए लिखा कि दुनिया में उनकी (पोतियों) प्रतिभा का स्वागत खुले दिल से होना चाहिए, ना कि बे-सिरपैर की बाधाओं से. लैंगिक समानता को लेकर उनकी समझ बोर्डरूम या नीतिगत बहसों में नहीं बनी.बल्कि यह घर पर ही विकसित हुई, जहां मैं कई महिलाओं से घिरा हुआ था.उनकी ताकत और ज्ञान ने उनके नजरिये को गहराई से प्रभावित किया.
गौतम अडानी ने कहा कि करीब एक दशक पहले जब उनकी पहली पोती इस दुनिया में आई, तब उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि वह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद करेंगे, जहां उनकी पोती की आकांक्षाओं की कोई सीमा नहीं होगी, जहां उसकी आवाज किसी भी पुरुष की तरह ही सम्मान के साथ गूंजेगी. अब उनकी तीन पोतियों के साथ यह वादा उनके लिए पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है.
गौतम अडानी ने कहा कि गुजरात के बनासकांठा के रेगिस्तानी इलाकों में उन्होंने अपनी मां को अभाव को जीविका में और कठिनाई को सद्भाव में बदलते देखा. वह एक ऐसी शक्ति थी, जिसने हमारे बड़े संयुक्त परिवार को एक साथ रखा.व ह अथक प्रयास, अडिग प्रेम, साहस और नरम मिजाज का प्रतीक थीं.
महिलाओं के लिए कैसी हो दुनिया?
गौतम अडानी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा कि नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं का न सिर्फ स्वागत है, बल्कि ऐसा जरूरी भी है. महिलाओं की प्रतिभा और अंतर्दृष्टि, ऐसे असंसाधन हैं, जिन्हें बर्बाद नहीं किया जा सकता. अपने पोस्ट में उन्होंने प्रभावशाली पदों पर बैठे पुरुषों को सलाह दी कि वे लैंगिक समानता को महिलाओं के मुद्दे के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक मानवीय अनिवार्यता माने.
उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति अडानी के काम को लेकर कहा कि वह अपनी पत्नी प्रीति के अडानी फाउंडेशन के प्रति अटूट समर्पण से प्रेरित हुए हैं. उनकी पत्नी अडानी फाउंडेशन की पहल के पीछे प्रेरक शक्ति बन गईं, जिसने पूरे भारत में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है.