महाराष्ट्र 14 नवंबर (वेदांत समाचार)। त्रिपुरा हिंसा के विरोध में बुलाए गए भारत बंद के हिंसक होने के बाद महाराष्ट्र के 5 जिले इसकी चपेट में आ गए. शुक्रवार शाम तक नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल में स्थिति पर काबू पा लिया गया था लेकिन शनिवार सुबह अमरावती (Amravati Violence) में फिर हिंसा भड़क गई जिसके बाद 4 दिन के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. फ़िलहाल जिले में तीन दिन तक इंटरनेट सेवाओं पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है.
शनिवार सुबह अमरावती के राजकमल चौक और गांधी चौक पर हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे. इसमें से कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया था. जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए. हालात को देखते हुए पहले 4 दिनों के लिए धारा 144 लगा दी गई है और उसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. पुलिस ने बताया कि बंद का आयोजन त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में अमरावती शहर में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के खिलाफ किया गया था. शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने बताया कि शहर में इंटरनेट सेवाएं तीन दिनों तक बंद रहेगी ताकि अफवाहें फैलने से रोका जा सकें. इससे पहले लगाया गया कर्फ्यू चार दिनों तक जारी रहेगा.
भगवा झंडे लेकर सड़कों पर निकले थे लोग
पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती के राजकमल चौक इलाके में शनिवार सुबह सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए थे. इनमें से ढेर सारे लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया. साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
शुक्रवार और शनिवार को पथराव की एक के बाद एक हुई घटनाओं की पृष्ठभूमि में कार्यवाहक पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत अमरावती शहर क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है. चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. इसी तरह, आदेश के अनुसार पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है. कर्फ्यू अगले नोटिस तक लागू रहेगा.
20 लोग गिरफ्तार और कई की तलाश जारी
शुक्रवार को, महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव हुआ था. ये घटनाएं अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुई थी. पुलिस ने शुक्रवार की घटनाओं के सिलसिले में दंगा करने समेत विभिन्न आरोपों के तहत 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और 20 प्राथमिकियां दर्ज कर चार अन्य को हिरासत में लिया. अधिकारियों ने बताया था कि आठ हजार से अधिक लोग अमरावती जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक ज्ञापन सौंपने के लिए जमा हुए थे, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग की गई थी.
जब लोग ज्ञापन सौंपकर निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और कॉटन बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ. इस बीच, विपक्षी भाजपा पर हमला बोलते हुए, शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के मकसद से हुई हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे “असल चेहरों” पर से नकाब राज्य गृह मंत्रालय की जांच के बाद उतर जाएगा. अमरावती जिले की संरक्षक मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व दुकानों पर पत्थर फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी अमरावती में हिंसा की निंदा की.
लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि अमरावती को छोड़कर पूरे राज्य में शांति है. हम स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि लोग शांति बनाए रखें. समाज में दरार पैदा करने वालों पर कार्रवाई होगी. अगर कोई भड़काएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. महाराष्ट्र के DGP संजय पांडे ने कहा कि स्थिति हमारे नियंत्रण में है. कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. हमें उम्मीद है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी, जिसमें हमें बल प्रयोग करना पड़े। लोगों से कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वाली गतिविधियों में शामिल न होने की अपील की गई है.
देवेंद्र फडणवीस ने त्रिपुरा की कथित घटना को बताया गलत
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि त्रिपुरा में ‘कभी नहीं हुई’ घटना के लिए राज्य में रैलियां आयोजित करना गलत था. उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए. महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय ने नागरिकों से शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों को लाभ नहीं मिलता बल्कि घटनाओं में शामिल युवा दोषियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.
शीर्ष पुलिस अधिकारी ने आगाह किया कि पुलिस ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और अगर आवश्यकता पड़ी तो बल का इस्तेमाल भी किया जाएगा. इस बीच, मुंबई पुलिस की साइबर शाखा ने भी लोगों से बिना पुष्ट कोई सूचना, वीडियो या संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित न करने की अपील की, जिससे साम्प्रदायिक नफरत बढ़ सकती है. साम्प्रदायिक शांति एवं सौहार्द्र बिगाड़ने वाली किसी भी चीज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नामचीन लोगों की दुकानों को टारगेट किया गया
अमरावती में शुक्रवार को पुराने कॉटन मार्केट चौक में कुछ दुकानों को बंद करने की कोशिश के दौरान पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता के किराना प्रतिष्ठान पर पथराव किया गया. उधर, पुराने वसंत टॉकीज इलाके में मेडिकल पॉइंट, फूड जोन, लाढा इंटीरियर, जयभोले दाभेली सेंटर, एंबेसडर डेयरी, शुभम इलेक्ट्रिक में तोड़फोड़ की गई है. घटना में शिवा गुप्ता और विशाल तिवारी नाम के शख्स भी घायल हो गए हैं. इरविन चौक स्थित आइकॉन मॉल और पूर्व संरक्षक मंत्री व विधायक प्रवीण पोटे के कैंप कार्यालय पर भी पथराव किया गया है.
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