कोर्ट ने सरकार को आवश्यकता पड़ने पर लॉकडाउन भी लगाने की सलाह दी सुप्रीम कोर्ट ने ,सरकार ने आपात बैठक बुलाई

नई दिल्ली (वीएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने जमकल फटकार लहगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगामी दो दिन के भीतर प्रदूषण के स्तर पर नियंत्रण के लिए जरुरी कदम उठाए जाने चाहिए। कोर्ट ने सरकार को आवश्यकता पड़ने पर लॉकडाउन भी लगाने की सलाह दी। इस पर दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है।

चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत ही खराब स्तर पर है। उन्होंने कहा कि यह आपातकाल स्थिति है और हमें बताएं कि इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आज इस पर एक बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा, “मैं किसी राज्य को या किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा हूं। इस पर सीजेआई ने कहा कि बैठक में कड़े कदम उठाइए, अगले दो-तीन दिन में हालात बेहतर होने चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने स्मॉग टावर लगाए थे, उनका क्या हुआ। सीजेआई रमणा ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हमारा किसी सरकार से लेना देना नहीं है। प्रदूषण कैसे नियंत्रित होगा ये बताएं। उन्होंने कहा, “हमें घरों में भी मास्क पहनना होगा। छोटे बच्चों को इस हालत में स्कूल जाना पड़ रहा है। प्रदूषण से उनके फेफड़े खराब हो सकते हैं। इसके बारे में भी दिल्ली सरकार को सोचना चाहिए। यह केंद्र का अधिकार नहीं, दिल्ली सरकार का अधिकार है।”

उन्होंने कहा, “हमें बताएं कि वायु गुणवत्ता सूचकांक को 500 से कम करके कम से कम 200 पर कैसे लाया जा सकता है। कुछ तत्काल कार्रवाई करें। क्या आप दो दिनों के लॉकडाउन या कुछ और उपाय के बारे में सोच सकते हैं। लोग कैसे जी सकते हैं?”

सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट को केंद्र और राज्य बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में बताएंगे। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में रही और इस दौरान 473 रहा। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा और गुरुग्राम में क्रमश: 587 और 557 दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है। सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। शून्य से 50 के बीच ऐक्यूआई को “अच्छा”, 51 से 100 के बीच में “संतोषजनक”, 101 से 200 के बीच “मध्यम”, 201 से 300 तक “खराब”, 301 से 400 के बीच में “बेहद खराब” तथा 401 से 500 के बीच “गंभीर” माना जाता है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के सख्त लहजे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपातकाल बैठक बुलाई है। वायु प्रदूषण से निपटने होने वाली इस बैठक में डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव शामिल होंगे।

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