कवर्धा झंडा विवाद : आरोपी रिजवान को जिला बदर करने एसपी का प्रतिवेदन, कलेक्टर ने मांगा जवाब…

कवर्धा नगर में शांति पूर्ण माहौल हुआ था खराब

कवर्धा 13 नवंबर (वेदांत समाचार)। पुलिस अधीक्षक, कबीरधाम ने लोहारा नाका कवर्धा में झंडा विवाद के आरोपी रिजवान के विरूद्ध जिला बदर की कार्रवाई करने जिला दंडाधिकारी, कबीरधाम को प्रतिवेदन पेश किया है। पुलिस अधीक्षक ने पेश प्रतिवेदन में कहा है कि लोहारा नाका कवर्धा में डिवाइडर में लगे धार्मिक झंडा को निकाल देने पर दो समुदायों के बीच विवाद हुआ। इससे नगर का शांतिपूर्ण माहौल खराब हुआ। इस मामले में आरोपी रिजवान के खिलाफ थाना कवर्धा में अपराध क्रमांक 801/2021, धारा 294, 323, 506 बी, 295, 147, 148, 149 भा.द.वि., अपराध क्रमांक 802/2021 धारा 294, 336, 147 भा.द.वि. एवं अपराध क्रमांक 804/2021 धारा 147, 353, 332, 294, 295, 427, 153ए भा.द.वि. धारा 03 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियिम एवं धारा 25, 27 आयुध अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। उक्त घटना के पश्चात नगर में लोक प्रशांति स्थापित करने के लिए जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर जिला कबीरधाम ने 03 अक्टूबर को धारा 144 लागू किया गया जो अभी भी लागू है।

03 अक्टूबर को घटित घटना के विरोध में विभिन्न संगठनों के द्वारा 05 अक्टूबर को कवर्धा शहर मे धरना प्रदर्शन, चक्काजाम कर जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर कबीरधाम के आदेश का उलंघन कर नगर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर संप्रादायिक नारे बाजी करे एक समुदाय विशेष के घरों में, दुकानों एवं वाहनों में तोड़-फोड़ कर तथा शासकीय संपत्ति को तोड़-फोड़ कर संप्रादायिक दंगा किया गया। उक्त घटना के बाद से ही अलग-अलग समुदाय के मध्य सामाजिक सौहार्द बिगड़ा है।

पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रतिवेदन पेश करने पर जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर ने आरोपी रिजवान को नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि आरोपी रिजवान को जमानत पर रिहा किया गया है। 3 से 5 अक्टूबर को 2 समुदाय के बीच हुए विवाद में रिजवान का मुख्य योगदान रहा है। इसलिए उसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 3, 5 के अंतर्गत कार्यवाही कर जिला बदर किए जाने हेतु प्रतिवेदन पेश किया गया है।

जिला दंडाधिकारी ने आरोपी रिजवान को नोटिस जारी कर उपरोक्त नोटिस का जवाब उनके न्यायालय मे उपस्थित होकर पेशी 30 नवम्बर को प्रस्तुत करने कहा है। अनुपस्थिति की दशा में तथा जवाब संतोषजनक नहीं होने पर जिला बदर के प्रकरण में कार्यवाही कर दी जाएगी।

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