0 बच्चों को जिम्मेदार बनाना एवं समाजिकता का विकास करना ही हमारा उद्देश्य-डॉ. संजय गुप्ता।
कोरबा,13 नवम्बर (वेदांत समाचार)। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री एवं बच्चों के प्यारे चाचा जी पं. जवाहर लाल नेहरू का जन्मोत्सव जिसे देश में 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप मे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सर्वविदित है कि चाचा जी को बच्चों से बेहद प्रेम था। आज भी उनके जन्मदिवस पर पंडित नेहरू जी के प्रति बच्चों का प्रेम देखते ही बनता है, खासकर विद्यालयों में बालदिवस पर विविध आयोजन कर उसे आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाता है जिससे बच्चों में उत्साह खुशी का माहौल निर्मित हो तथा हमारे महान देशभक्तों के बारे में जानने का सुअवसर प्राप्त हो। यूँ तो दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में हर वह पल जहॉ से ज्ञान एवं जागरूकता का सबक मिलें, बच्चों को अवसर दिया जाता है कि इसमें वो अपनी प्रतिभा को दिखा सकें फिर बाल दिवस का सुअवसर कैसे रह सकता है?
बालदिवस के पावन अवसर पर आई. पी. एस. दीपका में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में नूतन सिंह कंवर(सी0ई0ओ0-जिला पंचायत कोरबा) उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ मुख्य अतिथ को तिलक लगाकर स्वागत किया गया तत्पश्चात विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। माँ सरस्वती के तैल्य चित्र में विद्यालय के प्राचार्य महोदय एवं मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का आगाज किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कक्षा- 5वीं एवं 6वीं की छात्राओं के द्वारा बहुत सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी गई तत्पश्चात विद्यालय की शिक्षिकाओं के द्वारा सामूहिक गीत प्रस्तुत किया गया। कक्षा सातवीं एवं आठवीं की छात्राओं के द्वारा भी नयनायभिराम नृत्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा प्रस्तुत नाटिका विशेष आकर्षण का केंद्र रही । इस हास्य नाटिका का बच्चों ने भरपूर आनंद लिया। इस नाटिका में बच्चों के बचपन एवं बचपन में प्राथमिक शिक्षा के दृश्य का जीवंत मंचन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित श्री नूतन सिंह कंवर ने कहा कि बच्चों से उनका बचपन नहीं छीनना चाहिए । इस दुनिया में हर बच्चा युनिक है। सब की अलग-अलग कैपेबिलिटी है। उन्होंने कहा कि हमें हर परिस्थिति में सामंजस्य स्थापित कर लगातार सीखते रहना चाहिए।हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि बिना त्याग के हम आगे नहीं बढ़ सकते। रामकृष्ण, महात्मा बुद्ध, स्वामी विवेकानंद इत्यादि सभी महापुरुषों के जीवन से हमें त्याग की शिक्षा मिलती है। हमें यदि जीवन में सफल होना है तो त्याग, समर्पण अच्छे संस्कार आवश्यक हैं।
विद्यालय की कोर्डिनेटर श्रीमती सोमा सरकार का मानना है कि इस तरह के आयोजन से जिसमें विद्यार्थी एवं अध्यापक सब एक जुट होकर कार्य करते हैं तो उनके परस्पर संबंध मजबूत होते हैं और एकजुटता की भावना का विकास होता है। जहाँँ तक बात है बच्चों के बचपन का तो बचपन तो जिंदगी का सबसे प्यारा पल होता है। यह ईश्वर का दिया बेहतरीन उपहार है।बचपन के पलों को हम जिंदगी भर याद कर खुश होते हैं।
इंडस स्कूल दीपका के प्रचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि इंडस पब्लिक स्कूल का उद्देश्य बच्चों को जिम्मेदार बनाना है, बच्चों में सामाजिकता एवं नैतिकता के मूल्यों का विकास करना एवं अच्छी शिक्षा के साथ ही अच्छे संस्कारों का विकास करना ही हमारा उद्देश्य है। हमारा सतत प्रयास रहता है कि हम बच्चों को सीखने का प्रत्येक अवसर प्रदान करें। बच्चों का बचपन ही वह पल रहता है कि बच्चा जिज्ञासु होता है। यदि उनकी रुचि और ज्ञान को सही दिशा दें तो आगे चलकर आसानी से अपने मुकाम पर पहुँच सकते हैं।
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