पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वायरल वीडियो से केस का रुख बदला! ऐसे कई और मामलों में पुलिस को मिली है क्लीन चिट…

उत्तरप्रदेश 13 नवंबर (वेदांत समाचार)। यूपी के कासगंज में पुलिस हिरासत के दौरान अल्ताफ की मौत मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह फांसी बताए जाने के बाद पुलिस पर उठ रहे सवाल ही शक के घेरे में आ गए हैं. एक वायरल वीडियो भी सामने आया है जिसमें कथित तौर पर अल्ताफ शौचालय में लेता हुआ और टोंटी से बंधा नजर आ रहा है, उसके गले में डोरी कसी हुई है. एसपी कासगंज रोहन बोत्रे के मुताबिक, पुलिस हिरासत में युवक ने टॉयलेट में सुसाइड कर लिया. इस मामले में 5 पुलिसकर्मी ससपेंड किए गए हैं. एएसपी को विभागीय जांच सौंपी गई है. वहीं एसडीएम पटियाली मजिस्ट्रेरियल जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे.

कासगंज के थाना कोतवाली में पुलिस हिरासत में मौत मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. इस मामले में एक बार फिर यूपी की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. अल्ताफ की मां शबनम का आरोप है कि पुलिस ने उसके बेटे की हत्या की है. अल्ताफ घरों में टाइल्स लगाने का काम करता था. जिस घर से लड़की गायब है, उसमें कई महीने पहले उसने टाइल्स लगाई थी, इसके बाद कभी उधर नहीं जाना हुआ. अचानक पुलिस उसे घर पूछताछ के लिए ले गई. अल्ताफ खुदकुशी नहीं कर सकता है, उसकी हत्या हुई है. अल्ताफ के पिता अनपढ़ हैं और उनसे बच्चे का शव देने के नाम पर अंगूठा लगवा लिया गया. अल्ताफ के पिता चांद मिया ने कहा, “मुझे डॉक्टरों ने बताया कि आपके बच्चे ने फांसी लगाई है. मेरे सामने पुलिसकर्मी उसे इलाज के लिए लाए आखिर में वह नहीं बचा. मैं कार्रवाई से संतुष्ट हूं.”

एक वायरल वीडियो भी सामने आया

अल्ताफ की संदिग्ध मौत मामले में एक वीडियो सामने आया है. अल्ताफ जब लॉकअप में गया, तब वहां एक दूसरा शख्स भी हिरासत में था. उसी शख्स ने पुलिस को बताया था कि अल्ताफ ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है. हालांकि अभी साफ नहीं हो पाया है कि यह शख्स कौन है. 22 वर्षीय अल्ताफ को जब पहली बार देखा गया, तब का वीडियो सामने आया है. अल्ताफ की मौत के मामले में यह वीडियो और फोटो जांच का अहम हिस्सा है. वीडियो में अल्ताफ शौचालय में लेटे हुए अवस्था में टोंटी से बंधा नजर आ रहा है और उसके गले में डोरी कसी हुई है. हालांकि आजतक इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

मजिस्ट्रेट को सौंपी गई जांच

इस बीच कासगंज कोतवाली में पुलिस हिरासत में अल्ताफ की संदिग्ध मौत के मामले की जांच अब मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई है. जिले के एसपी रोहन बोत्रे ने आजतक से कहा है कि पुलिस न्यायिक जांच की अनुशंसा के लिए भी विचार कर रही है. फिलहाल पुलिस अल्ताफ की मौत के मामले में अपनी थ्योरी पर कायम है. कासगंज पुलिस ने कहा था कि अल्ताफ ने लॉकअप के शौचालय में लगे 2 फीट के नल से टी शर्ट के हुड की लगी रस्सी को निकालकर आत्महत्या कर ली. इस बीच पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी सामने आई है, जिसमें हत्या की बड़ी वजह हैंगिंग को ही बताया गया है यानी अल्ताफ की मौत दम घुटने से हुई है.

पुलिस को मिलती रही है क्लीन चिट

कासगंज पुलिस अल्ताफ सुसाइड की थ्योरी में खुद ही फंस गई है. लोगों को पुलिस की कहानी झूठी लग रही है हालांकि अल्ताफ से पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं जिनमें मर्डर होने का शक जाहिर किया गया लेकिन बाद में वो आत्महत्या ही साबित हुए. 22 जून 2011 में उत्तर प्रदेश में परिवार कल्याण विभाग के दो सीएमओ विनोद आर्या और डॉ. बीपी सिंह की हत्या हुई थी. 22 जून 2011 की शाम 7:30 बजे लखनऊ जेल के शौचालय में डिप्टी सीएमओ वाईएस सचान की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. डॉ. सचान का शव बैरेक के शौचालय में पड़ा मिला. उनके शरीर पर छोटे बड़े घाव मिलाकर 18 निशान मिले और गला कमोड के ऊपर लगे लोहे की छड़ से लटके बेल्ट से कसा हुआ था.

सीबीआई ने भी इस मामले में 111 गवाह और 120 पेज की क्लोजर रिपोर्ट लगाते हुए सचान की मौत को आत्महत्या करार दिया था. सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब, बायोलॉजिकल टेस्ट रिपोर्ट, फिंगरप्रिंट रिपोर्ट और साइकोलॉजिस्ट रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने माना कि डॉक्टर सचान ने खुद अपने हाथ से अपनी नसों को काटने की कोशिश की और फिर जान देने की नियत से अपने ही बेल्ट से गला कस कर फांसी लगा ली.

अल्ताफ के केस में भी सिर्फ नल की ऊंचाई ही शक का मुख्य आधार

इसके अलावा गाजीपुर के जमानिया में ट्री गार्ड से लटकी युवक की लाश का मामला हो या फिर लखनऊ जेल में शौचालय के रोशनदान से लटककर कैदी की मौत. कहीं पर सुसाइड रॉड की कम ऊंचाई से शक हुआ तो कहीं आत्महत्या के दौरान पैरों को सहारा होने के बावजूद मौत पर आशंका जताई गई. कासगंज में अल्ताफ की मौत एक ऐसी ही घटना की ओर इशारा करती है. अल्ताफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ तौर पर एंटी मार्टम चोट के कारण श्वासावरोध (asphyxia due to anti mortem injury) लिखा है. यानी दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई. शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं मिले. अल्ताफ ने थाने के शौचालय में 2 फीट ऊंची नल की टोटी से हूडी के सहारे से फांसी लगा ली थी.

विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार

अल्ताफ की मौत पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों ने सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार पर सवाल खड़े किए है. कासगंज के एसपी रोहन बोत्रे ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है साथ ही मामले को मजिस्ट्रियल जांच के लिए भी सौंप दिया गया है.

हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़ा किया, ‘आखिर 5 फुट 6 इंच लंबे अल्ताफ ने 2 फीट की ऊंची नल की टोटी से कैसे फांसी लगा ली? कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक के थाने में मौत का मामला संदेहास्पद है. कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ दिखावटी कार्रवाई है, न्यायिक जांच होनी चाहिए.’

इस मामले में बीएसपी भी हमलावर हुई है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने मांग की कि सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दे. वहीं, इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि ऐसी घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार गंभीर है, दोषियों को खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

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