बिलासपुर13 नवंबर (वेदांत समाचार)। सिविल लाइन क्षेत्र में एनआइए के डीएसपी को दूसरे की जमीन को दिखाकर तीन लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जमीन नहीं मिलने पर डीएसपी ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। जांजगीर जिले के पामगढ़ थाना अंतर्गत झूलन में रहने वाले अमरनाथ आगरे एनआइए रायपुर में डीएसपी हैं। 2018 में वे बिलासपुर में जमीन खरीदना चाहते थे। इसी दौरान उनकी पहचान मस्तूरी क्षेत्र के हरदी निवासी विशंभर खूंटे से हुई।
विशंभर ने डीएसपी को भारतीय नगर स्थित जमीन दिखाकर देवचरण के नाम पर होना बताया। जमीन का मुख्तियार नामा अपने नाम पर होना बताकर विशंभर ने 500 रुपये वर्गफुट की दर पर सौदा भी तय कर लिया। डीएसपी ने जमीन के दस्तावेज देखकर 25 जून 2018 को 51 हजार रुपये एडवांस भी दे दिए।
इसके बाद रुपये की जरूरत बताकर विशंभर ने दो लाख 50 हजार रुपये और ले लिए। सीमांकन कराने पर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जमीन को दूसरे के नाम पर बताया। इस पर डीएसपी ने अपने रुपये वापस मांगे।
इस पर विशंभर टालमटोल करने लगा। बाद में उसने चेक के माध्यम से 40 हजार रुपये लौटा दिए। शेष तीन लाख वापस करने पर वह डीएसपी को घुमाने लगा। डीएसपी ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर आरोपित की तलाश कर रही है।
दस्तावेज भी फर्जी होने की आशंका
आशंका जताई जा रही है कि विशंभर ने फर्जी दस्तावेज के सहारे डीएसपी से धोखाधड़ी की है। पुलिस ने दस्तावेज जब्त कर राजस्व विभाग से इसकी जानकारी मांगी है। वहीं, आरोपित के ठिकानों की जानकारी लेकर पुलिस उसकी तलाश कर रही है। फिलहाल आरोपित का सुराग नहीं मिल पाया है।
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