दुर्ग 12 नवंबर (वेदांत समाचार)। चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कचांदूर दुर्ग में कार्यरत 101 कर्मचारी राजपत्र की कंडिका 12 में लाये गए कानूनका विरोध कर रहे है । उनका कहना है कि इस कानून से उनके जीविकोंपार्जन के लिए संकट पैदा हो जायेगा। वे सरकार से अपने नियमतिकरण की मांग कर रहे है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार मांगों की तरफ ध्यान नही देगी तो वे इस विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नही हटेंगे।
मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कर्मचारियों की तरफ से बुधवार को सुमित परगनिया, देवराज साहू और नीलकंठ साहू ने संयुक्त रूप से बताया कि सीएम भूपेश बघेल ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को जो अधिग्रहण किया है, उनके उस कदम की हम सराहना करते हैं लेकिन उन्हें इस चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत 101 स्टाफ के बारे में भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। जबसे महाविद्यालय प्रारंभ हुआ है तबसे लेकर हम सभी लोग यहां सेवारत है और हमारी आजीविका यहां से चलती है। अपने जीवन का कीमती समय हम लोगों ने यहां दिया है, खासतौर से कोरोना के महामारी वाली लहर में जान की बाजी लगाकर जान की बिना परवाह किये दिन रात एक कर कार्य मरीजों की सेवा किये हैं। ऐसे में कई कर्मचारियों की उम्र भी अधिक हो चुकी है और वह अब प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने योग्य भी नही रहे। यदि यहां हमें रोजगार नही दिया गया तो हमारे जीविकोंपार्जन के लिए संकट पैदा हो जायेगा और हमारे सामने भूखमरी की स्थिति पेैदा हो जायेगी।
अब तक हम सीएम , राज्यपाल, गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, श्रम सचिव, श्रमायुक्त, कलेक्टर और संभागायुक्त को अपना आवेदन देकर निवेदन कर चुके है लेकिन हमारी ओर अभी तक कोई भी ध्यान नही दिया गया है। सिर्फ हमारे आवेदन लेकर रिसीविंग भर दी जा रही है लेकिन हमारे आवेदन पर कोई कार्यवाही नही हो रही है।
हम पुन: मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे हैं, यदि वह नही मिलेंगे तो हम सभी कर्मचारी पॉवरहाउस से राजधानी पैदल मार्च कर रायपुर पहुंचकर सीएम और राज्यपाल हाउस में अपनी बातों को रखेंगे। हम नही चाहते कि किसी भी तरह का आंदोलन करें। शासन हमारी तरफ भी सहानुभूतिपूर्वक विचार कर हमें रोजगार से वंचित न करें। उन्होंने आगे बताया कि जिस तरह से किसानो के खिलाफ कृषि कानून लाया गया है, ठीक उसी तरह चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के खिलाफ भी राजपत्र की कंडिका 12 में जो कानून लाया गया है, उसका हम सभी विरोध करते हैं।
*नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी भी कर रहे रोजगार बचाने की मांग – – –
कशमकश यही स्थिति लगभग दुर्ग भिलाई में संचालित निजी अस्तपालों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की भी है। उन्हें भी मिनीमम वेजेस दिया जाये। हम सभी कर्मचारियों को संविलियन किया जाये। हम भी पुराने लोग है और कॉलेज के एक अंग के साथ साथ कोरोनावारियर्स है। राज्य सरकार खुले मैदान में नया अस्पताल बनाती तो हम नौकरी के लिए दावा भी नही करते। हमारा पीएफ, ईएसआई कट रहा है। एकांउंट में हमारा पेमेंट आता था लेकिन मई से हम लोगों को सैलरी नही मिल रही है। हमें शासन ने जो अधिग्रहण किया है हमें रोजगार चाहिए चाहे नियमित रूप से करे या संविदा के रूप में। पत्रकारवार्ता में प्रमुख रूप से शीतल गेडाम, दिव्या सिंह, कलादास डहरिया, जयप्रकाश नायर सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
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