गवाह प्रभाकर सैल से दूसरे दिन भी 11 घंटे तक पूछताछ, अब NCB की ऑपरेशनल टीम ने बुलाया

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की एक सतर्कता टीम ने अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan Drug Case) से जुड़े मादक पदार्थ मामले में कथित तौर पर वसूली के प्रयास के सिलसिले में गवाह प्रभाकर सैल (Prabhakar Sail) से 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. सैल सोमवार को भी सतर्कता टीम के समक्ष पेश हुए थे और उनसे करीब 10 घंटे पूछताछ की गई थी. विजिलेंस टीम ने कहा कि प्रभाकर सेल का बयान खत्म हो गया है. उन्होंने कागजात और वीडियोग्राफी दोनों पर भी बयान दर्ज किए हैं. विजिलेंस टीम अब मामले में शामिल अन्य लोगों के और बयान लेगी. अब NCB की ऑपरेशनल टीम ने 11 नवंबर को प्रभाकर को 3 बजे NCB के दफ्तर बुलाया है.

बता दें कि एनसीबी की ऑपरेशनल टीम (एसआईटी) प्रभाकर सेल से सवाल करना चाहती है. प्रभाकर सेल के वकील हेमंत इंगले ने बताया कि एनसीबी की ऑपरेशनल टीम ने प्रभाकर सेल को आधिकारिक रूप से तलब कर अपना बयान देने के लिए बुलाया है. यह मुख्य एनसीबी कार्यालय मुंबई में है. प्रभाकर सेल को गुरुवार दोपहर 3 बजे मुख्य कार्यालय मुंबई में एनसीबी की संचालन टीम के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है. बताया जा रहा है कि पिछली पूछताछ में प्रभाकर सैल ने एनसीबी की विजिलेंस टीम को दिए बयान में जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के रंगदारी मांगने की साजिश में शामिल होने की बात कही है.

समीर वानखेड़े पर लगाए हैं गंभीर आरोप

एनसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि सैल अपने वकील तुषार खंडारे के साथ पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 55 मिनट पर उपनगर बांद्रा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के मैस (भोजनशाला) में पहुंचे. एनसीबी के उपमहानिदेशक (उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में एनसीबी का सतर्कता दल सोमवार सुबह दिल्ली से यहां पहुंचा था. सिंह संघीय मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी हैं.

एनसीबी के गवाह केपी गोसावी का अंगरक्षक होने का दावा करने वाले सैल ने पिछले महीने एक हलफनामे में आरोप लगाया था कि उन्होंने गोसावी को एनसीबी द्वारा आर्यन खान को गिरफ्तार करने के बाद 25 करोड़ रुपये में समझौता करने पर चर्चा करते हुए सुना था. सैल ने आरोप लगाया कि गोसावी ने कहा था कि समझौते की धनराशि में से आठ करोड़ रुपये एनसीबी के मुंबई मंडल के निदेशक समीर वानखेड़े को दिए जाने हैं। वानखेड़े ने इन आरोपों से इनकार किया है. पिछले महीने सिंह के नेतृत्व में एक सतर्कता दल वसूली के आरोपों की जांच के लिए मुंबई आया था लेकिन वह सैल का बयान दर्ज नहीं कर पाया था. उस समय उसने वानखेड़े समेत आठ लोगों के बयान दर्ज किए थे.

नवाब मलिक के खिलाफ आरोपों की जांच हो

उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के नेता आशीष शेलार ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस द्वारा नवाब मलिक के खिलाफ संदिग्ध भूमि सौदों को लेकर लगाए गए आरोपों का संज्ञान लेना चाहिए और मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देना चाहिए. शेलार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस द्वारा राज्य के मंत्री मलिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच का आदेश देना चाहिए.

शेलार ने कहा, ”नवाब मलिक ने आज स्वीकार किया कि उन्होंने उन लोगों से जमीन खरीदी है, जिन्हें 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया. अब, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अपने कैबिनेट सहयोगी नवाब मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए और मामले की जांच करानी चाहिए. फडणवीस के दावों के बाद शेलार ने शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार पर निशाना साधा. भाजपा नेता ने कहा, ”फडणवीस ने उजागर किया है कि कैसे एमवीए सरकार के कुछ मंत्रियों के अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों के साथ संबंध हैं। मलिक ने स्वीकार किया है कि उन्होंने (उपनगर कुर्ला में) जमीन बाजार दर से 1.5 गुना कम कीमत पर खरीदी है.”

शेलार ने सवाल किया, ”मलिक को इतनी जमीन कम दर पर कैसे मिल सकती है? क्या उन्होंने सोचा कि आम आदमी मूर्ख है?” फडणवीस ने आरोप लगाया है कि नवाब मलिक और उनके परिवार के सदस्यों ने एक दशक पहले 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले के दो दोषियों के साथ भूमि सौदे किए. हालांकि मलिक ने सभी आरोपों का खंडन किया है.