जिस खाते में पैसे ट्रांसफर करने हों, अगर गलती से किसी दूसरे खाते में चला जाए तो इससे बुरी बात क्या हो सकती है. ऐसा अक्सर होता है और पैसा वापस पाने के लिए एड़ी-चोटी एक करना पड़ता है. अगर पैसा पाने वाला रकम लौटा दे तो ठीक, नहीं तो उसे वापस कराने का कोई ठोस नियम नहीं है. गलत खाते में पैसे ट्रांसफर न हों, इसके लिए हम क्या-क्या जतन करते हैं. खाते में 1 रुपये डालकर ऑनलाइन ट्रांसफर करते हैं. फिर रिसीवर से पूछते हैं कि पैसे मिले या नहीं. जब पूरी तसल्ली हो जाए तो मोटी रकम ट्रांसफर करते हैं. ऐसा अधिकांश लोग करते हैं ताकि सुरक्षित मनी ट्रांसफर हो सके. इससे बचने के लिए आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) एक खास तरह की सुविधा देता है. इस सर्विस का नाम है आई-सेफ या i-safe.
आई-सेफ अपने ग्राहकों को यह सुविधा देता है कि वे ज्योहिं खाताधारक के नाम के साथ गलत खाता नंबर और आईएफएससी कोड डालेंगे, बैंक उसे जांच कर बता देगा कि खाता ऑथेंटिकेट नहीं है. इसके बाद आप मनी ट्रांसफर को रोक सकते हैं और नाम, खाता संख्या और आईएफएससी कोड का मिलान कर दोबारा ट्रांजेक्शन प्रोसेस को शुरू कर सकते हैं. ध्यान रखने वाली बात है कि यह सर्विस एच्छिक है, यानी कि खाताधारक को पैसे चुकाकर लेनी होती है. सर्विस लेने के लिए ग्राहक को टर्म एंड कंडीशन को मानना होता है. यह सर्विस ऑप्शनल है जिसके लिए आपको 99 रुपये चुकाने पड़ सकते हैं. यहां आई मोबाइल ऐप की सुविधा के बारे में जानकारी दी जा रही है.
स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस
इसके लिए आपको आई-मोबाइल ऐप के ‘सेंड मनी’ सेक्शन में जाना होगा. जिसे फंड ट्रांसफर करना है, अगर पहली बार कर रहे हैं तो उसे अपने खाते में जोड़ना होगा. इसके लिए आप ‘ऐड पेयी’ में जाएंगे. यहां सबसे पहले खाताधारक का अकाउंट नंबर डालना होगा. उसके बाद आईएफएससी कोड दर्ज करना होगा. जिस शहर में खाता है, उसका नाम लिखना होगा. नीचे i-safe का बॉक्स खुलेगा जिसमें आपसे वेरिफाई करने के बारे में पूछा जाएगा. फंड ट्रांसफर करने से पहले वेरिफाई बटन पर दबाते ही खाताधारक का नाम लिखा आ जाएगा. आप इससे कंफर्म हो जाएंगे कि जिसे पैसा भेजना है, उसी का खाता नंबर आपने दर्ज किया है. अगर इसमें किसी तरह की विसंगति या गड़बड़ी दिखती है, तो फंड ट्रांसफर को कैंसिल कर सकते हैं. इससे आप बड़ी गलती करने से बच जाएंगे.
कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट पर सुविधा
ग्राहकों को यह सुविधा कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट पर दी जा रही है. आपके कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस पैटर्न में अगर कोई संदिग्ध गतिविधि होती है जैसे कि फ्रॉड आदि तो आई-सेफ प्रोपर ऑथेंटिकेशन के साथ अलर्ट भेजेगा. इससे ग्राहक को बैंकिंग में अतिरिक्त सुरक्षा की गारंटी मिलती है. आप बेफिक्र होकर इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे.
सर्विस के लिए क्या करना होगा
इस सर्विस के लिए आपका मोबाइल नंबर बैंक खाते के साथ रजिस्टर्ड या अपडेट होना जरूरी है. बैंक समय-समय पर जो अलर्ट भेजता है, उसे पाने का एकमात्र साधन मोबाइल नंबर का रजिस्टर होना या अपडेट होना है. अगर ग्राहक का सही मोबाइल नंबर आईसीआईसीआई बैंक में रजिस्टर नहीं है तो वह इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट से जुड़ी सुविधाओं का लाभ नहीं ले सकेगा. चूंकि यह खाता कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ा होता है, इसलिए मोबाइल नंबर को अपडेट कराने के लिए कंपनी के लेटर हेड पर कुछ जरूरी जानकारियां देनी होती हैं. इसमें कॉरपोरेट आईडी, यूजर आईडी, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर, यूजर का हस्ताक्षर आदि. इस लेटर को अपने नजदीकी आईसीआईसीआई ब्रांच में जमा कराना होगा.
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