ये हैं वो देश जहां अभी यात्रा कर सकते हैं भारतीय, लेकिन जरूर फॉलो करने होंगे ये नियम

नई दिल्ली. दुनियाभर में विदेश यात्राएं (International Travel) इस वक्त कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप के इर्द-गिर्द घूम रही हैं. कोविड-19 के प्रभाव के आधार पर ही देश इस वक्त अपने यहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू और बंद कर रहे हैं. ऐसे में अगर किसी को विदेश की ट्रिप प्लान करनी है तो उसे सबसे पहले जानना होगा कि उस देश के नियम क्या हैं. इसके अलावा ये भी तय करना होगा कि किन देशों की यात्रा की जा सकती है. दरअसल ये सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि भारत ने की इस वक्त किन देशों के साथ एयर बबल की व्यवस्था है.

एयर बबल टर्म कोरोना के दौरान ही गढ़ा गया और चलन में आया. इसे ट्रैवल बबल भी कहते हैं, जो केवल इंटरनेशनल उड़ानों के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है. इसके तहत दो देश आपस में कुछ प्रतिबंधों और सख्ती के साथ नियमों को मानते हुए आवाजाही शुरू कर सकते हैं. यात्राएं न केवल बिजनेस के लिए, बल्कि सैरसपाटे के लिए भी हो सकती हैं. लेकिन हर हाल में सुरक्षा के लिए बनाए गए मानकों का पालन करना होता है.

किन देशों की हो सकती है यात्रा


भारत का इस वक्त दुनिया के कई देशों के साथ एयर बबल करार है. इनमें अफगानिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, कनाडा, इथिपोपिया, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, केन्या, कुवैत, मालदीव्स, नेपाल, निदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, कतर, रूस, रवांडा, सिशेली, श्रीलंका, तंजानिया, यूक्रेन, यूएई, यूके, यूएसए, उज्बेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं.

इन सभी देशों के लिए भारत से और इन देशों से भारत के लिए टिकट मिल रहे हैं. हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कहना है कि इनमें से किसी भी देश जाने के लिए टिकट करवाने से पहले ये कंफर्म कर लेना चाहिए कि उन्हें एंट्री मिलेगी या नहीं. सलाह दी गई है कि जिस भी देश आपको जाना है उसके दूतावास से संपर्क करना चाहिए. साथ ही दूतावास से यात्रा संबंधी अपडेट हासिल करना चाहिए. क्योंकि कोरोना के हालात में इस वक्त कोई भी देश जरूरत पड़ने पर नियमों में बदलाव कर दे रहा है.

क्या नियम करने होंगे फॉलो


जिन देशों के साथ एयर बबल करार होता है, सामान्य तौर दोनों देश एक-दूसरे के लिए एंट्री नियमों को आसान रखते हैं. हालांकि हर देश का एंट्री देने के लिए कुछ अलग नियम भी होता है. कुछ देशों में कोरोना नियम अपेक्षाकृत सख्त रखे जाते हैं. विभिन्न तरह के वीजा पर भी प्रावधान अलग हो सकते हैं.

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