दिल्ली 08 नवंबर (वेदांत समाचार)। उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने दोषियों की सज़ा का ऐलान किया है. कोर्ट ने दोषी अंसल बंधुओं को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अंसल बंधुओं पर 2.25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है. सुनील अंसल और गोपाल अंसल समेत अन्य दो दोषियों को पहले ही आईपीसी की धारा 409 (आपराधिक उल्लंघन), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया था. अब कोर्ट ने इस मामले में 2.25 करोड़ का जुर्माना लगाया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अंसल भाइयों समेत सभी आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई है. इससे पहले कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया था.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कोर्ट के एक पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों- पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी मामले में दोषी करार दिया. बता दें कि ये केस उपहार सिनेमा अग्निकांड से जुड़े मुख्य मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ से जुड़ा हुआ है. उपहार सिनेमाघर में आग लगने से 59 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में कोर्ट ने सुशील और गोपाल अंसल को दोषी ठहराया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.
उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषियों को 7 साल की जेल
अब पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी दोषियों को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन्हें 2.25 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर भरने होंगे. कोर्ट ने अंसल भाइयों के जेल में बिताए समय को ध्यान में रखकर और जुर्माना राशि देने पर रिहा कर दिया था. दरअसल दोनों ने दिल्ली में एक ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के लिए 30-30 करोड़ रुपये जुर्माना देने की बात कही थी. बता दें कि सुनवाई के दौरान ही दो अन्य आरोपियों हर स्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की मौत हो गई थी. उपहार सिनेमा दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में मौजूद था. 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म दिखाए जाने के दौरान सिनेमा हॉल में भयंकर आग लग गई थी. इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई थी.
कोर्ट ने पहले ही सुरक्षित रखा था आदेश
दिल्ली की एक अदालत ने अक्टूबर महीने में ही इस मामले पर अंतिम बहस पूरी कर ली थी. कोर्ट ने बहस पूरी करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज ने सभी को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है. साथ ही 2-25 करोड़ रुपये का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है. 13 जून 1997 की शाम उपहार सिनेमा में बड़ी संख्या में लोग बॉर्डर फिल्म देखने पहुंचे थे. सिनेमा हॉल में इतनी भीड़ थी कि पांव रखने तक की जगह नहीं बची थी. आग भड़कते ही सिनेमा हॉल के अंदर धुंआ भर गया था. धुंआ भरते ही वहां भगदड़ मच गई. हर कोई खुद की जान बचाने के लिए बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था. सिनेमा हॉल में ‘अनाधिकृत-निर्माण’ कार्यों के चलते कई निकास द्वार खुल ही नहीं पाए. इसीलिए कोई भी वहां से बाहर नहीं निकल सका. लोग जान बचाने के लिए धुंए से बेहाल इधर-उधर भाग रहे, लेकिन आग से वह खुद को नहीं बचा सके.
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